रिपोर्ट के अनुसार, आरोप लगाया गया है कि चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय क्षेत्र से घोड़ों को ले जाने के इस मामले को दबा दिया गया और स्थानीय प्रशासन भी इस मुद्दे पर चुप रहा।
रिपोर्ट के अनुसार, अपने गाँव दुरबुक से पिछले हफ़्ते ही कारू शहर में आए एक व्यक्ति ने कहा, 'हमारे क्षेत्र में सैनिकों की बहुत अधिक आवाजाही है। स्थानीय लोग अपनी ख़ुद की ज़िंदगी और अपने परिवार के उन सदस्यों के लिए तनाव और भय में हैं जो सेना और सीमा सड़क संगठनों के लिए पोर्टर के रूप में काम करते हैं।'
अब ऐसे में चीन की मंशा को भाँपना मुश्किल नहीं है, तभी तो भारत ने भी बड़ी संख्या में सैनिक तैनात किए हैं और अब वह पैंगोंग त्सो में उच्च और बड़ी क्षमता वाली दर्जन भर स्टील बोट भेज रहा है जो सर्विलांस से लैस होंगी।