क्या गलवान में भारत-चीन सैन्य टकराव के दौरान कई हथियारों की डिलीवरी समय पर नहीं हो पाई, इससे सैन्य तैयारियों पर असर पड़ा था और इस वजह से सरकार ने अब हथियारों की खरीद की नीति बदल दी है? सरकार ने कहा है कि आपात स्थिति में खरीदे जाने वाले हथियारों और सैन्य उपकरणों की डिलीवरी एक साल के भीतर पूरी करनी ही होगी। यदि इस समय सीमा में डिलीवरी नहीं होती तो संबंधित अनुबंध रद्द कर दिया जाएगा। रक्षा मंत्रालय द्वारा लागू की जा रही इस नई नीति का मक़सद भारतीय सशस्त्र बलों की तैयारियों को बढ़ाना और भविष्य के संघर्षों के लिए उनकी युद्धक क्षमता को मजबूत करना है। तो क्या अब रक्षा आपूर्ति के समय पर नहीं होने की बार-बार आने वाली समस्या का समाधान हो जाएगा?