सीबीआइ निदेशक आलोक वर्मा को पद से हटाए जाने के बावजूद यह विवाद थम नहीं रहा है और नई-नई जानकारियाँ सामने आ रही हैं, जो देश की प्रतिष्ठित संस्थानों के कामकाज पर सवालिया निशान लगाती हैं और नरेंद्र मोदी सरकार की मंशा पर अंगुलियाँ उठाती हैं। वर्मा ने मुख्य सतर्कता आयुक्त पर गंभीर आरोप लगाए हैं और सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा है कि सीवीसी के. वी. चौधरी ने राकेश अस्थाना के मामले  में  पंच की भूमिका  निभाने और सीबीआई के इस आला अफ़सर को बचाने की कोशिश की थी।