राकेश टिकैत भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख हैं। जिसका स्थापना पूर्व प्रधान मंत्री चौधरी चरण सिंह ने की थी। चरण सिंह को इस महीने मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। केंद्र की घोषणा के बाद टिकैत ने कहा था कि यह हमारी पुरानी मांग थी, जिसे सरकार ने अब पूरा किया है। राकेश टिकैत के भाई, नरेश टिकैत, जो बीकेयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, ने सरकार से किसानों के साथ बैठकर बातचीत करने का आग्रह किया है। नरेश टिकैत ने कहा- देशभर में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं...सरकार को चर्चा करनी चाहिए। किसानों को सम्मान देना चाहिए...सोचना चाहिए और इस मुद्दे को हल करने का प्रयास करना चाहिए।" बात दें कि इसी संगठन ने 16 फरवरी को ग्रामीण भारत बंद का ऐलान किया है।
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को हरियाणा में प्रदर्शनकारी किसानों पर आंसू गैस के गोले दागने की निंदा की और इसे किसानों पर “भाजपा का क्रूर हमला” करार दिया। ममता ने अपने ट्वीट में कहा- “हमारा देश कैसे प्रगति कर सकता है जब किसानों पर उनके बुनियादी अधिकारों के लिए लड़ने पर आंसू गैस के गोले से हमला किया जाएगा? मैं भाजपा द्वारा हमारे किसानों पर किए गए क्रूर हमले की कड़ी निंदा करती हूं।” उन्होंने कहा, "उनके विरोध को दबाने के बजाय, भाजपा को अपने बढ़े हुए अहंकार, सत्ता की भूखी महत्वाकांक्षाओं और अपर्याप्त शासन को कम करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जिसने हमारे देश को नुकसान पहुंचाया है।"
कांग्रेस का बयान
सीपीएम नेता का बयान
वरिष्ठ सीपीएम नेता बृंदा करात ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर किसानों को धोखा देने और उनके अधिकारों से इनकार करने का आरोप लगाया। करात ने मंगलवार को रांची में कहा- “नरेंद्र मोदी सरकार ने न केवल किसानों और श्रमिकों के अधिकारों से इनकार किया है, बल्कि उन्हें धोखा भी दिया है। वे (केंद्र) फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाले कानून को क्यों नकारते हैं?” करात ने यह भी दावा किया कि देश भर के किसान प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए आश्वासनों को "तमाशा और धोखाधड़ी" बता रहे हैं। उन्होंने कहा, "पूरे भारत में किसान 16 फरवरी को 'ग्रामीण बंद' करने जा रहे हैं। यह मजदूर वर्ग का बड़ा संघर्ष है।"
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