एसकेएम ने कहा- “कोई एमएसपी (@C2+50 पीसदी) नहीं, कोई न्यूनतम मजदूरी नहीं, मनरेगा में कोई वेतन वृद्धि नहीं, खाद सब्सिडी में कटौती, 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती में ले जाने से खाद्य सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी, और सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र में 30 लाख रिक्तियों पर कोई भर्ती नहीं होगी। किसानों और श्रमिकों के लिए कोई व्यापक ऋण माफी नहीं, लेकिन बहुराष्ट्रीय कंपनियों को 5 प्रतिशत टैक्स में कटौती और कॉर्पोरेट्स पर कोई टैक्स नहीं। एसकेएम राष्ट्रीय सहयोग नीति का विरोध करता है, केंद्रीय सहयोग मंत्रालय को खत्म करने की मांग करता है। यह बजट शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बढ़ती महंगाई पर नियंत्रण के लिए कुछ नहीं कर पाया है।”