सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने भ्रामक विज्ञापनों के मामले की सुनवाई के दौरान पतंजलि की तो खिंचाई की, लेकिन उसने सभी एफएमसीजी कंपनियों के सामानों पर किए जा रहे दावों को लेकर अपनी आपत्ति जताई। अदालत ने कहा, "हमें केवल हमारे सामने आने वाले इन्हीं (पंतजलि-रामदेव) की चिंता नहीं है, हमें उन सभी एफएमसीजी और उन सभी कंपनियों की चिंता है जो वे अपने उपभोक्ताओं और ग्राहकों को बहुत ही गुलाबी तस्वीरें दिखा रहे हैं कि उनका प्रोडक्ट उनके लिए क्या कर सकता है... और अंत में उन लोगों के साथ जो इसके लिए अच्छा पैसा दे रहे हैं, अपने स्वास्थ्य की कीमत पर पीड़ित हो रहे हैं। अदालत को यह बिल्कुल नामंजूर है।''.