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शरद पवार से मिले गौतम अडानी, क्या राहुल गांधी हैं इसकी वजह

उद्योगपति गौतम अडानी ने गुरुवार को मुंबई में एनसीपी चीफ शरद पवार से उनके आवास पर मुलाकात की। यह खबर पीटीआई ने एनसीपी सूत्रों के हवाले से दी है। इस बैठक का समय महत्वपूर्ण है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज अडानी पर फिर जबरदस्त हमला बोला है। महाराष्ट्र में जबरदस्त राजनीतिक घटनाक्रम चल रहा है। एनसीपी अजीत पवार के नेतृत्व में अलग होने को बेकरार है। अजीत पवार बीजेपी की मदद से सरकार बनाने का ख्वाब पाले हुए हैं। हालांकि अभी कल ही उन्होंने इसका खंडन भी किया था। लेकिन क्या पवार से आज की मुलाकात का संबंध राहुल गांधी के ताजा अडानी हमले से है।
लेकिन अडानी की शरद पवार से मुलाकात का क्या अर्थ है??इसके लिए पूरे घटनाक्रम पर नजर डालनी होगी। हाल ही में शरद पवार ने अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति की जांच का विरोध किया था। लेकिन बाद में यूटर्न ले गए। पवार का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट की समिति की जांच अधिक प्रभावी होगी। शरद पवार ने हालांकि अपने स्टैंड से बाद में मुकर गए लेकिन उन्होंने यह कहना जारी रखा हुआ है कि टाटा-बिड़ला की तरह देश के विकास में अडानी का भी खासा योगदान है।
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तो क्या शरद पवार को शुक्रिया कहने गए अडानी?यह भी कहा जा सकता है कि शायद शरद पवार को अडानी शुक्रिया कहने गए हों। लेकिन ऐसा शुक्रिया तो फोन पर भी अदा किया जा सकता है। लेकिन राजनीति में देखने-दिखाने का भी बहुत महत्व है। शरद पवार से अडानी की मुलाकात बाकी विपक्षी दलों को एक संकेत हो सकता है।

राहुल गांधी का तीखा हमला

कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी का रुख अडानी को लेकर अभी भी बहुत कड़ा बना हुआ है। राहुल ने आज ही ट्वीट करके अडानी पर हमला बोला है। राहुल गांधी ने लिखा है - एयरपोर्ट सेठ के, पोर्ट सेठ के, बिजली सेठ की, कोयला सेठ का, सड़कें सेठ की, खदानें सेठ की, ज़मीन सेठ की, आसमान सेठ का, सेठ किसका? सेठ ‘साहेब’ का!

राहुल गांधी ने इस ट्वीट के साथ एक वीडियो भी लगाया है, जिसमें गौतम अडानी और प्रधानमंत्री मोदी की अनगिनत तस्वीरें हैं। इस वीडियो में राहुल गांधी कह रहे हैं कि देश की मोदी सरकार सिर्फ एक उद्योगपति के साथ खड़ी है, जबकि प्रधानमंत्री कहते हैं सबका साथ सबका विकास। वीडियो में ग्राफिक के जरिए बताया गया है कि 2014 से पहले अडानी कहां खड़े थे और आज कहां खड़े हैं।

बता दें कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान और बाद में संसद में राहुल गांधी अडानी समूह को लगातार निशाना बना रहे हैं। इसके बाद जब हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट आ गई तो शेष विपक्ष ने भी अडानी पर हमला बोल दिया। इस समय अडानी के मित्रों में अगर विपक्ष पर नजर डाली जाए तो उसमें शरद पवार के अलावा ममता बनर्जी और कांग्रेस के राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत हैं। लेकिन ममता बनर्जी की टीएमसी ने अडानी के मुद्दे पर अभी तक संयुक्त विपक्ष का साथ दिया है।

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हिंडनबर्ग रिसर्च ने अरबपति अडानी से संबंधित फर्मों में स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। हालांकि अडानी ने उनका हमेशा खंडन किया। लेकिन हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अडानी समूह के शेयर धराशायी हो गए और गौतम अडानी खुद दुनिया के अमीर देशों की सूची में लुढ़कते चले गए।

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क़मर वहीद नक़वी
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