चाहे वैश्विक लोकतंत्र सूचकांक हो या फिर फ्रीडम हाउस की रिपोर्ट या फिर वी-डेम इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट, लोकतंत्र के पैमाने पर गिरते स्तर ने लगता है कि मोदी सरकार को झकझोर दिया है! भले वह इन रिपोर्टों को सिरे से खारिज करती रही है, लेकिन अब ब्रिटेन के एक प्रमुख अखबार द गार्डियन ने रिपोर्ट दी है कि सरकार गुप्त तरीक़े से यह काम कर रही है कि किसी तरह उस रैंकिंग को सुधारा जाए। अख़बार ने आंतरिक रिपोर्टों का हवाला देते हुए लिखा है कि मोदी सरकार को 'दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र' के रूप में ख्याति के धुमिल होने की चिंता सता रही है।