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राजपुरा की वो मस्जिद जिसे कुछ लोग गुरु की सराय बता रहे हैं। बुधवार को वहां पुलिस तैनात कर दी गई

पंजाब के राजपुरा में भी 'ज्ञानवापी' जैसा दावा पेश, पुलिस तैनात

ज्ञानवापी की तर्ज पर देश के कई शहरों से पुरानी मस्जिदों और मंदिरों के नए-नए मुद्दों को उठाया जा रहा है। पंजाब में पटियाला के राजपुरा में भी ऐसा ही विवाद सामने आया है। सिख और हिंदू समुदायों के सदस्यों ने मुस्लिम समुदाय पर जबरन कब्जा करने और एक सिख सराय को मस्जिद में बदलने का आरोप लगाया है।हालांकि, मुस्लिम समुदाय ने इस आरोप का खंडन किया है और कहा है कि गुजरांवाला मोहल्ले की मस्जिद आजादी से पहले की है।

क्या है दावा

कुछ स्थानीय लोगों के अनुसार, दो सिख परिवार 2017 तक विवादित ढांचे में रह रहे थे और कथित तौर पर उन्हें छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था। पता चला है कि वक्फ बोर्ड ने 2016 में ढांचे पर दावा पेश किया था। स्थानीय लोगों ने इंडिया टुडे को बताया कि सराय दो साल पहले एक मस्जिद में तब्दील होने लगी थी और एक गुंबद बनाया गया था और इसे हरे रंग से रंगा गया था।

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यह भी आरोप लगाया गया है कि सिख धर्म के प्रतीकों को ढांचे से हटा दिया गया था।

जवाबी दावा क्या है

मुस्लिम समुदाय ने कहा है कि मस्जिद 1947 से पहले भी मौजूद थी और अब केवल इसका जीर्णोद्धार किया गया है। स्थानीय लोगों की इस शिकायत के बाद कि हरियाणा और यूपी के लोग इस इलाके में आकर परेशानी पैदा कर रहे हैं, पुलिस बल को इमारत के पास तैनात किया गया था।
दोनों पक्षों को अपने दावों को साबित करने के लिए जरूरी दस्तावेज जमा करने के लिए कहा गया है।

राजपुरा के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट हिमांशु गुप्ता ने कहा, मैंने दोनों पक्षों को सुना है। सिख और हिंदू दावा करते हैं कि इमारत मूल रूप से एक सराय थी लेकिन मुस्लिम समुदाय का दावा है कि यह एक मस्जिद थी। दस्तावेज जमा करने के लिए दो दिन का समय है।

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क़मर वहीद नक़वी
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