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हरियाणा में बीजेपी और जेजेपी की सरकार है।

हरियाणा में हर तीसरा शख्स बेरोजगार, बल्कि युवकों से वसूले 205 करोड़

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के आंकड़ों के अनुसार बेरोजगारी में हरियाणा अभी भी टॉप पर है। बीजेपी शासित इस राज्य में हर तीसरा शख्स बेरोजगार है। हालांकि राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर तो विदेशों में हरियाणा के लोगों को रोजगार दिलाने के वादे और दावे करते रहे हैं। हरियाणा की दो एजेंसियों ने राज्य के बेरोजगारों से पिछले 8 वर्षों में फॉर्म भरवाने के नाम पर 205 करोड़ रुपये वसूले हैं।
पीटीआई के मुताबिक सीएमआईई ने दिसंबर 2022 का आंकड़ा जारी कर दिया है। उसके मुताबिक देश में बेरोजगारी दर बढ़कर 8.3% हो गई है, जो 2022 में सबसे अधिक है। सीएमआईई के आंकड़ों में कहा गया है कि नवंबर के दौरान बेरोजगारी की दर 8% थी, जबकि सितंबर में यह सबसे कम 6.43% थी और अगस्त में 8.28% पर दूसरे उच्चतम स्तर पर थी।

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पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक 2022 के आखिरी महीने में जहां शहरी बेरोजगारी दर 10% थी, वहीं दिसंबर के दौरान ग्रामीण बेरोजगारी दर 7.5% थी। राज्यों में, बेरोजगारी दिसंबर में हरियाणा में सबसे अधिक 37.4% रही, इसके बाद राजस्थान में 28.5%, दिल्ली में 20.8%, बिहार में 19.1% और झारखंड में 18% रही।

बेरोजगारों से कर डाली कमाईः हरियाणा में ग्रुप सी और डी में सबसे ज्यादा वैकेंसी आती है और सबसे ज्यादा फॉर्म भी बेरोजगार युवक सरकारी नौकरियों के लिए इन्हीं में भरते हैं। इनका चयन हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (एचएसएससी) करता है। हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में हाल ही में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक 2014 में हरियाणा में बीजेपी सरकार आई और इस आयोग ने 170 करोड़ रुपये बेरोजगारों से ऐप्लिकेशन फॉर्म के नाम पर वसूले। इसी तरह ग्रुप ए और बी की नौकरियों के लिए भर्ती करने वाले हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन (एचपीएससी) ने बेरोजगार से ऐप्लिकेशन फॉर्म के नाम पर 35 करोड़ वसूले। दोनों आंकड़े अक्टूबर 2014 से लेकर अक्टूबर 2022 तक के हैं।

सरकार पर धब्बा

हरियाणा सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी टीचरों के 1619 पद खत्म कर दिए गए। इनमें से 1035 प्रशिक्षित ग्रैजुएट टीचर (टीजीटी) और 523 संस्कृत पोस्ट ग्रैजुएट टीचर की नौकरियां थीं। 61 जूनियर लेक्चरर की पोस्ट भी खत्म कर दी गई। खास बात यह है कि इसमें से संस्कृत टीचरों की वैकेंसी का रिजल्ट भी आ गया था। कई अन्य परीक्षाओं के पेपर लीक हो जाने की वजह से रद्द कर दिए गए। वैकेंसी निकलती थी, युवक फीस देकर फॉर्म भरते थे, फिर पेपर लीक होने पर परीक्षा रद्द हो जाती थी। ऐसा एक बार नहीं, अनगिनत बार हुआ।

क्या कहता है विपक्ष

CMIE के नवीनतम बेरोजगारी आंकड़ों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हरियाणा का 37.4 फीसदी बेरोजगारी आंकड़ा राष्ट्रीय औसत से 4.5 गुना अधिक है। पिछले महीने हरियाणा में बेरोजगारी दर 30.6 प्रतिशत थी और ऐसा लगता है कि हरियाणा हर बार बेरोजगारी के मामले में अपना ही रिकॉर्ड तोड़ता है।

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कांग्रेस नेता ने कहा कि जहां एक तरफ रोजगार के अवसर हर महीने नए निचले स्तर तक गिर रहे हैं, वहीं बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार बेरोजगार युवाओं के भविष्य के साथ लगातार खिलवाड़ कर रही है। हरियाणा के सरकारी विभागों में करीब दो लाख पद खाली पड़े हैं। इन पदों पर स्थायी भर्ती करने के बजाय सरकार कौशल रोजगार निगम के माध्यम से ठेके पर कर्मचारियों को नियुक्त करने की प्रथा को बढ़ावा दे रही है। सरकारी विभागों और पदों को लगातार खत्म किया जा रहा है।

पूर्व सीएम ने कहा - बेरोजगारी की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाते हुए सरकार ने हिसार दूरदर्शन को बंद करने का आदेश जारी किया है, जो कि किसानों और समसामयिक मुद्दों पर सूचनात्मक चर्चा और राज्य समाचार और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के प्रसारण के लिए बनाया गया था। इस निर्णय के कारण, दर्जनों चैनल में काम करने वाले कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे और करोड़ों रुपये का बुनियादी ढांचा बेकार हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि हरियाणवी कलाकार और दूरदर्शन से जुड़े अन्य विशेषज्ञ अपनी कला का प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे और न ही अपनी विशेषज्ञता लोगों के साथ साझा कर पाएंगे। उन्होंने कहा, खट्टर सरकार ने परिवार पहचान पत्र को हथियार बना लिया है, जिसका इस्तेमाल बुजुर्गों की पेंशन और गरीब परिवारों के राशन कार्ड काटने के लिए किया जा रहा है। सरकार ने अब तक लगभग 5 लाख बुजुर्गों की पेंशन और 10 लाख बीपीएल परिवारों के पीले राशन कार्ड में कटौती की है।
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क़मर वहीद नक़वी
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