सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर हाल ही में अपलोड किए गए चार वीडियो ने देश में सांप्रदायिक तनाव को और बढ़ाने का काम किया है। इन वीडियो में मुसलमानों के खिलाफ हिंसा और नफरत को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिसमें अपहरण, एसिड अटैक, आत्मघाती दस्ते बनाने और मॉब लिंचिंग जैसी बातें शामिल हैं।
इन वीडियो को कई यूजर्स ने पुलिस, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को टैग करके रिपोर्ट किया है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। यह घटना भारत में हाल के वर्षों में बढ़ती सांप्रदायिक नफरत की एक और मिसाल है, जहां मुसलमानों, ईसाइयों, दलितों और आदिवासियों के धार्मिक स्थलों, संपत्तियों पर हमले बढ़े हैं। कई अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स ने भारत में अल्पसंख्यकों के लिए खतरे की चेतावनी दी है।

कुख्यात यति नरसिंहानंद का वीडियो

पहला वीडियो, जो पत्रकार सचिन गुप्ता @SachinGuptaUP ने 30 दिसंबर 2025 को पोस्ट किया। इसमें महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि हिंदुओं से अपील कर रहे हैं कि वे बाजरंग दल जैसे संगठनों को छोड़कर आईएसआईएस जैसा संगठन बनाएं। वे कहते हैं, "अब तलवारें बांटने से कुछ नहीं होने वाला। अब तो हिंदुओं को आत्मघाती दस्ते बनाने चाहिए। हिंदुओं को बाजरंगदल–फजरंगदल जैसे संगठन छोड़कर ISIS जैसा संगठन बनाना चाहिए।"

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वीडियो में वे बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों का हवाला देकर हिंदुओं को हथियारबंद होने की सलाह देते हैं। इस पोस्ट पर कई यूजर्स ने
@Uppolice को टैग कर कार्रवाई की मांग की, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
नरसिंहानंद का यह कोई नया मामला नहीं है। यह शख्स ऐसे बयानों के लिए कुख्यात है। दिल्ली पुलिस ने इसके खिलाफ हेट स्पीच के मामले भी दर्ज किए हैं लेकिन कहीं कोई कार्रवाई नहीं दिखती। दिल्ली में इसने कई धार्मिक सम्मेलन कर वहां नफरत फैलाने वाले भाषण दिए। हालांकि डासना (गाजियाबाद) में इसका आश्रम दिल्ली के बहुत पास है।

मुस्लिमों को मारने का नया आइडिया देने वाला वीडियो

दूसरा वीडियो पत्रकार @azizkavish ने पोस्ट किया है। इसमें ऋषभ ओझा नामक व्यक्ति मुसलमानों को निशाना बनाने का नया आइडिया दे रहा है। वे कहते हैं, "एक मुसलमान से दोस्ती करो, अपहरण करो, और फिर एसिड डालो। उसे तड़पते देखना बहुत मजेदार होगा।" वीडियो में वे पहले मुसलमानों को ट्रैक करने, उन्हें किडनैप करने और एसिड से जलाने की बात करते हैं, और दावा करते हैं कि इससे "संतुष्टि का स्तर चरम पर पहुंच जाएगा।" इस पोस्ट पर यूजर्स ने इसे आतंकवाद का प्रचार बताते हुए गिरफ्तारी की मांग की, लेकिन अधिकारियों ने अब तक कोई कदम नहीं उठाया।
ऋषभ ओझा सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो डालने के लिए चर्चित है। सभी वीडियो पुलिस और जांच एजेंसियों को रिपोर्ट किए गए लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

खुलेआम हथियारों का वितरण

तीसरा वीडियो भी पत्रकार कृष्णकांत @kkjourno ने साझा किया है। वीडियो में गाजियाबाद में हिन्दू रक्षा दल के कार्यकर्ता सार्वजनिक स्थान पर तलवारें और हथियार बांटते दिख रहे हैं। वीडियो में नारंगी कपड़ों में लोग एक बाजार या मंदिर क्षेत्र में हथियार वितरित कर रहे हैं, जो सांप्रदायिक हिंसा को बढ़ावा देने जैसा लगता है। पोस्ट में लिखा है, "दिमाग में हिंसा, मन में नफरत और हाथ में हथियार - सब सरेआम बांटे जा रहे हैं। कोई रोक टोक नहीं है।" कई कमेंट्स में यूजर्स ने इसे गुजरात दंगों से जोड़कर चिंता जताई और पुलिस को रिपोर्ट किया।

पलवल के गायक का नफरत फैलाने वाला वीडियो

चौथा वीडियो एक्स पर सजग नागरिक @_inspiretrail_ ने पोस्ट किया है। यह एक गाना है जो फरीदाबाद-पलवल क्षेत्र के गायक सुरेंद्र रावत ने यूट्यूब पर अपलोड किया है। गाने में गौ-रक्षा के नाम पर मॉब लिंचिंग और हत्या को उकसाया जा रहा है, जिसमें एक विशेष समुदाय को निशाना बनाते हुए हिंसक भाषा का इस्तेमाल है। वीडियो में भगवा झंडों वाली भीड़, गायों और हिंसक दृश्य दिखाए गए हैं। पोस्ट में मांग की गई है कि @FBDPolice @palwalpolice और @HaryanaPolice27 तत्काल एफआईआर दर्ज करें और वीडियो हटाए। कई यूजर्स ने BNS, UAPA और IT एक्ट के तहत कार्रवाई की अपील की।
ये वीडियो भारत में हाल के वर्षों में बढ़ती सांप्रदायिक नफरत का हिस्सा हैं। 2024-2025 में मुसलमानों और ईसाइयों के खिलाफ हिंसा के 5,048 मामले दर्ज हुए हैं, जिसमें अल्पसंख्यकों पर हमले और नफरत फैलाने वाली घटनाएं शामिल हैं। ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी की चुनावी मुहिम में मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरती भाषणों का इस्तेमाल हुआ, जिससे हिंसा बढ़ी। इंडिया हेट लैब के अनुसार, "एंटी-मुस्लिम नफरत और कट्टरता रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गई है।"
हाल ही में मुसलमानों और ईसाइयों के धार्मिक स्थलों पर हमले बढ़े हैं। 2025 के पहले तीन महीनों में पांच मुसलमानों की मॉब हिंसा में मौत हुई और दर्जनों घायल हुए। जनवरी से जुलाई 2025 तक ईसाइयों के खिलाफ 334 मामले दर्ज हुए, जिनमें उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ में आधे से ज्यादा घटनाएं हुईं। क्रिसमस के दौरान ईसाइयों पर हमले "संवैधानिक सुरक्षा की विफलता" को दर्शाते हैं।

बरेली के कैफे की घटना

बरेली में पिछले शनिवार को एक नर्सिंग छात्रा अपनी बर्थडे पार्टी कर रही थी। उसके साथ पढ़ने वाले लड़के-लड़कियां उस पार्टी में शामिल थे। उनमें दो मुस्लिम छात्र भी थे। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने कैफे रेस्टोरेंट में पहुंचकर हंगामा किया। दोनों मुस्लिम छात्रों को जमकर पीटा। उन पर लव जिहाद फैलाने का आरोप लगाया। रेस्टोरेंट में तोड़फोड़ की। पुलिस आई, उसने कैफे रेस्टोरेंट मालिक और दोनों मुस्लिम लड़कों पर कार्रवाई कर दी। लेकिन जब यह घटना वीडियो के ज़रिए सोशल मीडिया पर आई और उसके बाद टाइम्स ऑफ इंडिया ने एक बड़ी रिपोर्ट प्रकाशित की तो इस घटना की निन्दा होने लगी। पुलिस पर दबाव बना। उसके बाद पुलिस ने बजरंग दल के उन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया। तब बजरंग दल सक्रिय हुआ। उसने इस कांड के मुख्य आरोपी ऋषभ ठाकुर से पीछा छुड़ा लिया। कहा कि उसे बजरंग दल से निकाला जा चुका है। पुलिस इस रिपोर्ट के लिखे जाने तक ऋषभ ठाकुर को गिरफ्तार नहीं कर पाई थी।
इस मामले में नर्सिंग छात्रा का वीडियो अब सामने आया है। जिसका कहना है कि वो अब कॉलेज कैसे जाएगी, लोगों का सामना कैसे करेगी। उसकी मानसिक पीड़ा के लिए बजरंग दल जिम्मेदार है। उसके साथ कुछ होता है तो बजरंग दल जिम्मेदार होगा। छात्रा का वीडियो भी अब सोशल मीडिया पर वायरल है।

यूएस रिपोर्ट में भारत को लेकर चिन्ता

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, यूएससीआईआरएफ की 2025 रिपोर्ट में भारत को "कंट्री ऑफ पार्टिकुलर कंसर्न" घोषित किया गया है, जहां मुसलमानों, ईसाइयों, दलितों और आदिवासियों को खतरा है। रिपोर्ट कहती है कि 2024 में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति बिगड़ी, जिसमें नफरती भाषण और हिंसा बढ़ी। यूएस स्टेट डिपार्टमेंट की रिपोर्ट्स भी अल्पसंख्यकों पर हमलों की चेतावनी देती हैं। 
ये घटनाएं बता रही हैं कि भारत में सांप्रदायिक नफरत बढ़ रही है, लेकिन अधिकारियों की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी चुप्पी से समाज में और विभाजन बढ़ सकता है।