Yeti Narsinghanand Controversial Statement on Women: यति नरसिंहानंद सरस्वती ने बुलंदशहर में श्रीमद् भागवत कथा के दौरान महिलाओं और मुसलमानों पर विवादित बयान दिए। उन्होंने महिलाओं को "नागिन" कहा और साम्प्रदायिक टिप्पणियां कीं। यूपी पुलिस मूक दर्शक बनी हुई है।
यूपी के बुलंदशहर में 13 सितंबर 2025 को दुर्गापुरम शिव मंदिर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के दौरान जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद सरस्वती ने एक बार फिर महिलाओं और मुसलमानों को लेकर अत्यंत विवादित और नफरत भरे बयान दिए।
यति नरसिंहानंद, जो गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर के प्रमुख हैं, ने महिलाओं को "नागिन" करार देते हुए उन्हें परिवार बढ़ाने की सलाह दी, अन्यथा "दो-दो रुपये में बिकने" की बात कही। साथ ही, उन्होंने मुसलमानों को हिंसा और अपहरण का दोषी ठहराते हुए हिंदुओं को सतर्क रहने का आह्वान किया।
ये बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं, जिससे व्यापक आक्रोश फैल गया है। लेकिन पुलिस ने अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। यह घटना यति के पिछले विवादों की याद दिलाती है, जहां वे बार-बार साम्प्रदायिक उन्माद फैलाने के आरोपी रहे हैं।
क्या बोले नरसिंहानंद
13 सितंबर 2025 को बुलंदशहर के दुर्गापुरम शिव मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा के दौरान यति नरसिंहानंद ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा, "जो महिलाएं एक बेटे को जन्म देती हैं, वह नागिन की तरह होती हैं, जो खुद अपने बच्चे को खा जाती है।" उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद महिलाओं से कहा, "आप सब ऐसी ही होंगी जिन्होंने ऐसा ही कारनामा किया होगा।"
उन्होंने आगे कहा, "परिवार को बड़ा करो, वरना दो-दो रुपये में बिकोगी। एक बेटे का पागलपन छोड़ो, कम से कम दो-तीन बेटे और एक बेटी होनी चाहिए।" यति ने हिंदू आबादी के घटने का दोष महिलाओं पर डाला और कहा कि मुसलमानों की समस्या है कि "ये एक दिन आपको मारकर घरों पर कब्जा करेंगे, बहन-बेटियों को मंडियों में बेचेंगे, रेप करेंगे और रखैल बनाएंगे।" उन्होंने बच्चों की जल्दी शादी करने की सलाह दी, ताकि "गाड़ी केवल दो बच्चों पर न अटके।"
वीडियो फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जहां X पर #YatiNarsinghanand और #Bulandshahr जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। एक पोस्ट में Knewsindia ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "यति ने महिलाओं को नागिन कहा और मुसलमानों पर हमला बोला।" तमाम मीडिया रिपोर्ट में बयान पर बवाल की आशंका जताई गई। हालांकि, कोई नई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है, लेकिन सामाजिक कार्यकर्ता और AIMIM जैसे संगठन कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
ये बयान सुनते ही कार्यक्रम में मौजूद लोगों में नाराजगी फैल गई। महिलाओं ने इसे अपमानजनक बताते हुए सोशल मीडिया पर विरोध जताया। X पर एक यूजर ने लिखा, "ये बाबा महिलाओं को वस्तु समझते हैं, परिवार बढ़ाने की धमकी देते हैं।" मुस्लिम संगठनों ने इसे साम्प्रदायिक उन्माद फैलाने वाला बताया। 2024 के पैगंबर विवाद के बाद बुलंदशहर और गाजियाबाद में पहले ही विरोध प्रदर्शन हुए थे, जहां पुलिस थाने पर हमला भी हुआ था। ताजा जानकारी के मुताबिक, 15 सितंबर 2025 तक कोई बड़ा विरोध नहीं हुआ, लेकिन ऑनलाइन ट्रेंडिंग जारी है। विपक्षी नेता जैसे असदुद्दीन ओवैसी ने यति के पहले ऐसे बयानों पर गिरफ्तारी की मांग की है।
यति नरसिंहानंद सरस्वती की पृष्ठभूमि
यति नरसिंहानंद सरस्वती, जिनका असली नाम दीपक त्यागी है, का जन्म 1972 में बुलंदशहर जिले के हीरनोट गांव में एक किसान परिवार में हुआ था। वे मूल रूप से लोकल नेता थे, लेकिन 1997 में एक लड़की की मौत के बाद उन्होंने सन्यास ले लिया और हिंदुत्ववादी संत बन गए। वे जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर हैं और डासना देवी मंदिर के प्रमुख के रूप में जाने जाते हैं। यति ने हमेशा से मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ बयान दिए हैं, जैसे 2024 में पैगंबर मुहम्मद पर अपमानजनक टिप्पणियां, जिसके बाद उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र में कई एफआईआर दर्ज हुईं।
2022 में हरिद्वार धर्म संसद और दिल्ली के बुराड़ी हिंदू महापंचायत में उन्होंने हिंदुओं से हथियार उठाने का आह्वान किया, जिसके लिए दिल्ली पुलिस ने तीन एफआईआर दर्ज कीं। हालांकि, वे जमानत पर बाहर हैं, लेकिन बेल शर्तों का उल्लंघन करते हुए लगातार भड़काऊ भाषण देते रहे हैं। 2025 में भी, उन्होंने "केवल हिंदू राष्ट्र" की मांग की, जहां मस्जिदें, मदरसे और मुसलमान न हों। यति पर महिलाओं के खिलाफ भी कई विवादास्पद टिप्पणियां हैं, जैसे 2021 में राजनीति में महिलाओं को "रखैल" कहना।
अन्य बाबाओं के विवादास्पद बयान और यौन उत्पीड़न के मामले
धीरेंद्र शास्त्रीः यति नरसिंहानंद अकेले नहीं हैं जो महिलाओं पर ऊल-जुलूल बातें करते हैं। बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री (बागेश्वर बाबा) ने 2023 में कुंवारी लड़कियों को "खाली प्लॉट" कहा था, जहां सिंदूर न होने पर "प्लॉट खाली है" और मंगलसूत्र न होने पर "रजिस्ट्री नहीं हुई" जैसी टिप्पणियां कीं। इससे सोशल मीडिया पर भारी आक्रोश फैला, और महिलाओं ने इसे अपमान बताया। धीरेंद्र पर कई विवाद हुए, लेकिन कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई।
बाएं से विवाद बयान देने वाले धीरेंद्र शास्त्री, आसाराम और गुरमीत राम रहीम
गुरमीत राम रहीमः 2023 में गुजरात के गांधी नगर कोर्ट ने उन्हें 2013 के एक अन्य बलात्कार मामले में दोषी ठहराया। जनवरी 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड पर उन्हें अंतरिम जमानत दी, लेकिन वे अभी भी जेल में हैं। डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 2017 में दो साध्वियों से बलात्कार के लिए 20-20 साल की सजा हुई। 2019 में पत्रकार राम चंद्र छतरपति की हत्या के लिए उम्रकैद। 2025 में उन्हें कई बार पैरोल मिली, जैसे अगस्त में 40 दिनों की, लेकिन वे दोषी बने हुए हैं। इन मामलों से स्पष्ट है कि कई बाबा महिलाओं का शोषण करते रहे, लेकिन यति जैसे मामले साम्प्रदायिकता से जुड़े हैं।
आसारामः इन्हें एक विवादास्पद आध्यात्मिक गुरु के रूप में जाना जाता है, पर मुख्य रूप से 2013 में एक नाबालिग लड़की के साथ उनके जोधपुर आश्रम में बलात्कार का मामला दर्ज हुआ। जिसमें उन्हें 2018 में जोधपुर कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा, गुजरात के सूरत आश्रम में 2001-2006 के दौरान एक महिला शिष्या के साथ बलात्कार के आरोप में जनवरी 2023 में गांधीनगर कोर्ट ने उन्हें भारतीय दंड संहिता की धाराओं 376(2)(C), 377, 342, 354, 357 और 506 के तहत दोषी पाया और आजीवन कारावास की सजा दी।
वर्तमान में, 86 वर्षीय आसाराम को स्वास्थ्य आधार पर कई बार अस्थायी जमानत और पैरोल मिल चुकी है; जैसे जनवरी 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने 31 मार्च तक अंतरिम जमानत दी, मार्च 2025 में गुजरात हाईकोर्ट ने तीन महीने की विस्तार, जुलाई 2025 में अंतिम एक महीने का विस्तार किया, और अगस्त 2025 में 21 अगस्त तक बढ़ाई गई।
यति नरसिंहानंद: इस पर कानूनी कार्रवाई और पुलिस की निष्क्रियता यति पर साम्प्रदायिक भड़काने के कई मामले दर्ज हैं। 2022 में दिल्ली के हिंदू महापंचायत में हथियार उठाने का आह्वान करने पर दिल्ली पुलिस ने तीन एफआईआर दर्ज कीं (IPC धारा 153A, 295A)। 2024 में पैगंबर पर बयान के बाद UP पुलिस ने BNS धारा 299, 302, 197 के तहत केस दर्ज किया, लेकिन गिरफ्तारी नहीं हुई। हरिद्वार धर्म संसद (2021) में भी UAPA के तहत केस चला, लेकिन वे जमानत पर बाहर हैं।