सीजेआई और वरिष्ठ वकील के बीच इस मुद्दे पर कोर्ट में बातचीत तब हुई जब प्रशांत भूषण ने सुनवाई के लिए मामले को जल्द सूचीबद्ध करने का मौखिक उल्लेख किया। भूषण ने पिछले साल अक्टूबर में भी इस मामले की तत्काल सुनवाई की मांग की थी।
मोदी सरकार ने इस योजना को कैशलेस-डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहे देश में चुनावी सुधार के रूप में बताया था।