loader
फ़ोटो क्रेडिट - https://indianairforce.nic.in/

चीन के साथ तनाव के बीच लेह पहुंचे वायुसेना प्रमुख, एयर फ़ोर्स हाई अलर्ट पर

गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद वायु सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है। वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया हालात का जायजा लेने के लिए बुधवार से ही दो दिन के दौरे पर हैं। 

वायुसेना प्रमुख ने श्रीनगर और लेह एयरबेस का दौरा किया है और इससे पहले उनकी चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेंस स्टाफ़ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख एमएम नरवणे के साथ बातचीत हुई थी। 

ताज़ा ख़बरें
‘इंडिया टुडे’ के मुताबिक़, भारतीय वायुसेना ने अपने लड़ाकू विमान मिराज 2000 के बेड़े को लद्दाख के नजदीक एयरबेस में खड़ा कर दिया है, जहां से यह कुछ ही मिनटों में पैंगोंग त्सो और अन्य इलाक़ों में उड़ान भर सकता है। 
मिराज 2000 के अलावा सुखोई -30 एमकेआई और जगुआर लड़ाकू विमानों के बेड़े को भी एडवांस पोजिशन में रखा गया है, जिससे ये तुरंत ऑपरेशन को अंजाम दे सकें।

‘इंडिया टुडे’ के मुताबिक़, अपाचे हेलिकॉप्टर और चिनूक चॉपर्स को भी लद्दाख में तैनात किया गया है और बरेली स्थित एयरबेस को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है। 

गलवान घाटी में भारत के 20 जवानों की शहादत के बाद से ही सीमा पर माहौल बेहद तनावपूर्ण है। ‘इंडिया टुडे’ के मुताबिक़, सैटेलाइट तसवीरों से पता चला है कि चीन ने अपने नियंत्रण वाले इलाक़े में भारी मशीनें और उपकरण लगा दिए हैं और वह सड़कें, छोटे पुल, पानी से संबंधित मशीनरी, संभावित एयर डिफ़ेंस कमांड्स और कई झोपड़ियां बना चुका है। 

6 जून को दोनों देशों के बीच सहमति बन जाने के बाद भी चीन गुस्ताखी करने से बाज़ नहीं आ रहा है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी भारतीय सैनिकों पर लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) को पार करने का आरोप लगा चुके हैं। बीजिंग की ओर से गुरुवार को एक बार फिर कहा गया है कि गलवान घाटी के इलाक़े पर उसका हक़ है। जबकि भारत ने उसके इस दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया है। 

भारत ने स्पष्ट कहा है कि वह सीमा पर जो भी निर्माण कर रहा है, अपने इलाक़े में कर रहा है। भारत ने कहा है कि दोनों देशों के बीच हुए समझौतों को देखते हुए किसी भी पक्ष को ऐसा कोई भी एक्शन नहीं लेना चाहिए जिससे यह मामला आगे बढ़े। 

देश से और ख़बरें

‘बलिदान व्‍यर्थ नहीं जाएगा’

गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों की शहादत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि शहीद जवानों का बलिदान व्‍यर्थ नहीं जाएगा। उन्होंने कहा था, ‘हम किसी को उकसाते नहीं हैं, लेकिन हम अपने देश की एकता और अखंडता के साथ समझौता भी नहीं करते हैं। हमारे लिए भारत की संप्रभुता सर्वोच्च है और इसकी रक्षा करने से हमें कोई रोक नहीं सकता और इस बारे में किसी को भी कोई भ्रम या संदेह नहीं होना चाहिए।’ मोदी ने कहा था कि भारत शांति चाहता है लेकिन उकसाने पर हम यथोचित जवाब देने में सक्षम हैं। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें