भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ने अपनी एक बड़ी स्टडी के बाद यह दावा किया है कि कोविड-19 वैक्सीन और युवकों में अचानक होने वाली मौत के बीच कोई संबंध नहीं है। यह नतीजा और दावा देश में 40 वर्ष से कम आयु के लोगों में दिल का दौरा पड़ने से बढ़ती मौतों के बीच आया है।

हाल ही में बॉलीवुड एक्ट्रेस और गायिका शेफाली जरीवाल की मौत और उससे पहले सिद्धार्थ शुक्ला की मौत के बाद इस तरह की चर्चा ने ज्यादा जोर पकड़ा। हालांकि एम्स और आईसीएमआर की रिपोर्ट आने से पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बार-बार स्पष्ट किया था कि कोविड-19 वैक्सीन और युवकों में हार्ट अटैक के बीच कोई संबंध नहीं है। अब इस बड़ी स्टडी में लाइफ स्टाइल और पहले से मौजूद स्वास्थ्य समस्याओं को इन मौतों के प्रमुख कारणों के रूप में पहचाना गया है।

47 अस्पतालों में की गई स्टडी 

ICMR और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) ने मिलकर 18 से 45 वर्ष की आयु के युवा वयस्कों में अचानक अस्पष्ट मौतों के कारणों को समझने के लिए अध्ययन किया। इस अध्ययन का शीर्षक "Factors associated with unexplained sudden deaths among adults aged 18-45 years in India - A metacentric matched case-control study" था, जिसे मई से अगस्त 2023 तक 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 अस्पतालों में किया गया।
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यह अध्ययन उन व्यक्तियों पर केंद्रित था जो सेहतमंद थे, लेकिन अक्टूबर 2021 से मार्च 2023 के बीच अचानक मौत का शिकार हो गए। दूसरा अध्ययन, "Establishing the cause of sudden unexplained deaths in young", AIIMS, नई दिल्ली द्वारा ICMR के सहयोग और फंडिंग के साथ किया गया। ये सभी मौतें हार्ट अटैक से हुई थीं।
स्टडी के नतीजों ने साफ तौर पर दिखाया कि कोविड-19 वैक्सीन युवकों में अस्पष्ट अचानक मौत के जोखिम को नहीं बढ़ाती। अचानक हार्ट अटैक से मौत कई वजहों से हो सकती है, जिनमें आनुवंशिकता, जीवनशैली, पहले से मौजूद बीमारियां और कोविड के बाद की जटिलताएं शामिल हैं।"

सिद्धारमैया का बयान और प्रतिक्रिया 

यह नतीजा कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बयान के एक दिन बाद सार्वजनिक किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा था कि कोविड-19 वैक्सीन की जल्दबाजी में मंजूरी और वितरण राज्य में युवकों में अचानक मौत के बढ़ते मामलों का कारण हो सकता है। सिद्धारमैया ने यह बयान कर्नाटक के हासन जिले में पिछले एक महीने में कम से कम 20 लोगों की हार्ट अटैक से मौत की खबरों के बीच दिया। उन्होंने कोविड-19 वैक्सीन के संभावित दुष्प्रभावों का अध्ययन करने के लिए एक पैनल के गठन की भी घोषणा की।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि वैज्ञानिक विशेषज्ञों ने कोविड वैक्सीन को अचानक मौत से जोड़ने वाले बयानों को गलत और भ्रामक बताया है। मंत्रालय ने चेतावनी दी कि "बिना ठोस सबूत के अटकलबाजी वाले दावे वैक्सीन में जनता का विश्वास कमजोर कर सकते हैं, जिसने महामारी के दौरान लाखों लोगों की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ऐसे निराधार दावे वैक्सीन हिचकिचाहट को बढ़ावा दे सकते हैं। जिसका सार्वजनिक स्वास्थ्य पर नेगेटिव असर पड़ सकता है।
यह अध्ययन और इसके निष्कर्ष युवा वयस्कों में अचानक मृत्यु के कारणों को समझने और वैक्सीन से संबंधित भ्रांतियों को दूर करने में महत्वपूर्ण कदम हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से वैज्ञानिक तथ्यों पर भरोसा करने और बिना साक्ष्य के दावों से बचने की अपील की है।

शेफाली जरीवाला की मौत का मामला 

हाल ही में देश को झकझोर देने वाली ऐसी ही एक घटना अभिनेत्री शेफाली जरीवाला की हुई। पिछले सप्ताह मुंबई में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया। वह 42 वर्ष की थीं। डॉक्टरों को संदेह है कि शेफाली जरीवाला की मौत का कारण ब्लडप्रेशर में अचानक गिरावट है। पुलिस ने एक्ट्रेस की मौत में किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया है। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि हम पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।
पुलिस के अनुसार, 42 वर्षीय एक्ट्रेस शुक्रवार रात अपने घर पर बेहोश हो गई। उनके पति, टीवी एक्टर पराग त्यागी उन्हें अंधेरी के बेलेव्यू मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल ले गए, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। शुरुआती जांच से पता चला है कि उन्हें शायद हार्टअटैक हुआ था। बाद में उनके शव को पोस्टमार्टम के लिए जुहू के आर.एन. कूपर अस्पताल भेज दिया गया।
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2020 से दिल के दौरे के कारण युवाओं की अचानक हुई कई मौतों ने लोगों में चिंता पैदा कर दी है। सोशल मीडिया पर लोगों ने इसका कारण कोविड वैक्सीन को बताया है। उम्मीद है कि ये अध्ययन अटकलों पर विराम लगा देंगे।