जिस आरक्षण पर महाभारत होती रहती है उसे ही अपने यहाँ लागू नहीं करने के लिए भारतीय प्रबंधन संस्थान यानी आईआईएम ने माँग की है। क्या सरकार झुकेगी?
‘सत्य हिंदी’ ने आरक्षण से जुड़ी समस्याओं पर तमाम ख़बरें प्रकाशित कीं। केंद्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने भी ख़बरों को संज्ञान में लेकर विभिन्न आयोगों को नोटिस भेजे। लेकिन कहीं भी नियुक्ति प्रक्रिया नहीं रोकी गई और सब कुछ क़ानूनी मान लिया गया और किसी ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया।
केंद्र सरकार के इस गजट पर भी ध्यान नहीं गया कि सरकार ने कोई ऐसा नोटिफ़िकेशन जारी कर दिया है, जिसमें कुछ संस्थानों में आरक्षण ख़त्म कर दिया गया। अब उस प्रावधान के तहत आने के लिए देश के 10 आईआईएम तड़प रहे हैं।