राइस ने कहा कि यह भी अहम है कि नई व्यवस्था के लागू होने के दौरान जिन लोगों पर इसका विपरीत प्रभाव होगा उनकी सहायता किए जाने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि इन कृषि सुधारों से जो लोग प्रभावित होंगे उन्हें रोज़गार देकर उनकी मदद की जा सकती है।
किसान संगठनों ने कमेटी के सामने पेश होने और उससे बात करने से साफ इनकार कर दिया है। किसानों का कहना है कि कमेटी में शामिल लोग कृषि क़ानूनों का समर्थन कर चुके हैं, ऐसे में वे आख़िर क्यों इन कमेटियों के सामने पेश होंगे।