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पहले के समझौतों के आधार पर मौजूदा समस्या का समाधान ढूंढेंगे भारत और चीन

भारत और चीन की सेनाओं के बीच कमांडर स्तर पर बातचीत के बाद दोनों देशों ने तय किया है कि वे मौजूदा समस्या का निपटाना पहले हुए समझौतों के आधार पर करेंगे। 

सिक्किम में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर  सैनिक व साजो सामान के जमावड़े के बाद उपजे तनाव को दूर करने के लिए यह फ़ार्मूला निकाला गया है। 

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सकारात्मक बातचीत

शनिवार को सिक्किम में चुशुल-मोल्दो इलाके में चीनी सीमा के अंदर दोनों देशों के लेफ़्टीनेंट जनरल स्तर के अफ़सरों के बीच बातचीत हुई। 
बयान में कहा गया, 'दोनों देशों के नेता इस पर एकमत हैं कि भारत-चीन सीमा पर शांति द्विपक्षीय रिश्तों को आगे बढाने के लिए ज़रूरी है।'
इस बातचीत की अगुआई भारत की ओर से 14वें कोर के जनरल ऑफ़िसर इन कमांड लेफ़्टीनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने की। चीनी दल का प्रतिनिधित्व दक्षिण शिनजियांग सैन्य ज़िले के प्रमुख मेज़र जनरल लिन लिउ ने किया। 

कूटनीतिक स्तर पर बातचीत

विदेश मंत्रालय ने कहा है कि दोनों देश यह बात जानते हैं कि यह साल उनके राजनयिक रिश्तों की स्थापना का 70वां साल है, समस्या के जल्द निपटारे से रिश्तों के और मजबूत करने में सहूलियत होगी। 

दोनों देश इस पर भी सहमत हैं कि राजनीतिक और कूटनीतिक स्तर पर भी बातचीत की जाएगी और इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।

बता दें कि अप्रैल महीने में चीनी सैनिक लद्दाख और उत्तराखंड में वास्तविक नियंत्रण रेख के पास भारतीय सीमा में घुस आए और वहाँ से पीछे हटने से इनकार कर दिया। इसके बाद दोनों देशों की सेनाओं ने अपने सैनिक और सैन्य साजो-सामान वहां जमा कर लिए। इससे तनाव बढ़ता गया।

स्थानीय कमांडर स्तर की बातचीत नाकाम रही, राजनीतिक व कूटनीतिक स्तर पर हुई बातचीत का भी कोई ख़ास नतीजा नहीं निकला। इन बैठकों में यह तय हुआ कि दोन सेनाओं के लेफ्टीनेंट जनरल स्तर के अफ़सर बात करें। 

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क़मर वहीद नक़वी
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