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भारत-चीन विदेश मंत्रियों की बैठक में एलएसी शांत रखने पर ज़ोर

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाक़ात की है और समझा जाता है कि उन्होंने वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी से जुड़े कई मुद्दों पर बातचीत की है। 

यह बातचीत ताज़िकिस्तान की राजधानी दुशानबे में संघाई सहयोग संगठन (संघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन यानी एससीओ) के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन के दौरान हुई। 

बैठक के बाद जयशंकर ने कहा कि एक घंटे की बैठक में भारत-चीन संबंधों और वास्तविक नियंत्रण रेखा से जुड़े कुछ मुद्दों पर बातचीत हुई। 

उन्होंने ट्वीट किया, 'बैठक में इस पर ज़ोर दिया गया कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिति जस की तस बरक़रार रखी जाए और किसी तरह की एकतरफा कार्रवाई न की जाए। हमारे सम्बन्धों की बेहतरी के लिए यह ज़रूरी है कि सीमा पर शांति रखी जाए। दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य कमान्डरों की बैठक फिर शुरू किए जाने पर भी सहमति बनी है।'

दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक इसके पहले रूस की राजधानी मॉस्को में हुई थी। उस बैठक में दोनों के बीच कई मुद्दों पर सहमति बनी थी और उसके बाद ही दोनों देशों की सेनाएं सीमा से पीछे हटी थीं। 

भारत-चीन विदेश मंत्रियों के बीच बातचीत ऐसे समय हुई है जब दोनों देशों के बीच एलएसी यानी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव पूरी तरह ख़त्म नहीं हुआ है। कई जगहों पर दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने ही जमी हुई हैं। 

वास्तव में पूर्वी लद्दाख के घुसपैठ वाले सीमांत इलाक़ों से चीनी सेना के वापस जाने को लेकर गत साल मई से चल रही जद्दोजहद के बीच चीन भारतीय सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व को चिढ़ाने वाली हरकत से बाज नहीं आ रहा।

दलाई लामा को चीन देश तोड़ने वाला नेता कहता है और भारत उन्हें पूर्ण राजकीय सम्मान प्रदान करता है। भारत और चीन के बीच चल रही मौजूदा सैन्य तनातनी के बीच दलाई लामा को भारत ने बीच में डालकर चीन पर राजनयिक दबाव बढ़ाने की नई चाल चली है। इसके जवाब में चीनी सेना ने देमचोक गाँव में घुसपैठ कर दलाई लामा का जन्मदिन मनाने वाले लद्दाखियों को आँखें दिखाईं।

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क़मर वहीद नक़वी
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