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किसी भी हालत में खारकीव से तुरंत निकलें नागरिक: भारत

यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर में रूसी कार्रवाई तेज होने के बीच भारत ने बुधवार शाम को अपने नागरिकों को तुरंत खारकीव को छोड़ने को कहा है।

इसने एक के बाद एक दो ट्वीट किए हैं और कहा है कि वे बिना किसी देरी के खारकीव को छोड़ दें। यह कितना ज़रूरी है और इस पर कितना ज़ोर दिया गया है इसको इससे समझा जा सकता है कि ट्वीट को बड़े अक्षरों में लिखा गया है। इसने कहा है कि खारकीव में रह रहे भारतीयों के लिए यह बेहद ज़रूरी सलाह है। इसने कहा है कि भारतीयों को स्थानीय समयानुसार शाम 6 बजे (भारतीय समय के अनुसार रात 9.30 बजे) तक पेसोचिन, बाबे या बेज़लुडोवका पहुँचना चाहिए।

इसने सलाह में कहा है कि उनकी सुरक्षा के लिए जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी खारकीव शहर को छोड़ दें। इसने यह भी कहा है कि जिन छात्रों को बस, या ट्रेन नहीं मिल रही है वे पैदल ही निकल जाएँ और 11 किलोमीटर दूर पेसोचिन, 12 किलोमीटर दूर बाबे और 16 किलोमीटर दूर बेज़लुडोवका पहुँच जाएँ।  

भारतीय दूतावास ने जोर देकर कहा है कि चाहे जो भी हालात हों, उन्हें तुरंत ही खारकीव छोड़ना चाहिए और तय समय में उन जगहों पर पहुँचना चाहिए। 

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समझा जाता है कि खारकीव पर रूस का बड़ा हमला होने वाला है और इस वजह से उस शहर को तुरंत छोड़ने को कहा गया है। भारतीय दूतावास को एक दिन पहले ही यूक्रेन की राजधानी कीव में अपने काम को रोकना पड़ा है। कीव शहर को भी भारतीय छोड़ चुके हैं।

युद्धग्रस्त शहर में सार्वजनिक परिवहन की भारी कमी के बीच यह सलाह आई है। खारकीव शहर की आबादी 14 लाख है। रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि गोलाबारी के बीच पैदल दूरी को कवर करना असंभव सा है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, वहाँ फंसे छात्र कहते हैं कि शहर में पिछले कुछ दिनों से सड़क परिवहन नहीं हो पा रहा है और ट्रेन लेना भी आसान नहीं है। 

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इससे पहले आज रूसी पैराट्रूपर्स खारकीव में उतरे। यूक्रेन की सेना ने कहा है कि उनसे सड़कों पर झड़पें शुरू हो गईं। सेना ने मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम पर एक बयान में कहा, 'आक्रमणकारियों और यूक्रेनियन के बीच लड़ाई जारी है।' समाचार एजेंसी एएफपी ने सुरक्षा, पुलिस और विश्वविद्यालयों के आवास कार्यालयों की इमारतों पर रॉकेट हमलों की सूचना दी है।

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क़मर वहीद नक़वी
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