भारत-पाकिस्तान युद्ध विराम समझौते के बाद सेना के अधिकारियों ने बयान दिया है। जानिए पूरी बातः
भारत और पाकिस्तान के बीच शनिवार को एक पूर्ण और तत्काल युद्धविराम पर सहमति बनी, जिसके बाद दोनों देशों ने जमीनी, हवाई और समुद्री सैन्य कार्रवाइयों को रोकने का फैसला किया। यह युद्धविराम शाम 5 बजे से प्रभावी हो गया है। हालांकि, भारतीय सेना ने स्पष्ट किया है कि वह पूरी तरह तैयार और सतर्क है, और देश की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
भारतीय नौसेना के कमोडोर रघु नायर ने कहा, "हम पूरी तरह तैयार हैं और कभी भी लापरवाह नहीं हैं। हम मातृभूमि की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।" उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि भविष्य में किसी भी तरह की उकसावे की कार्रवाई का निर्णायक जवाब दिया जाएगा।
यह युद्धविराम ऐसे समय में हुआ है, जब दोनों देशों के बीच हाल के दिनों में तनाव चरम पर था। पिछले महीने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव बढ़ गया था। इसके बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे की सैन्य चौकियों पर हमले किए, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई। शनिवार को ही भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में आठ सैन्य ठिकानों, जिनमें रडार इकाइयां और गोला-बारूद डिपो शामिल थे, पर सटीक हमले किए थे।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि युद्धविराम का फैसला दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच प्रत्यक्ष संवाद के बाद लिया गया। पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक (डीजीएमओ) ने शनिवार दोपहर 3:35 बजे अपने भारतीय समकक्ष से फोन पर बात की। दोनों पक्षों ने सहमति जताई कि शाम 5 बजे से सभी तरह की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाइयां रोक दी जाएंगी। मिस्री ने यह भी बताया कि दोनों देशों के डीजीएमओ 12 मई को दोपहर 12 बजे फिर से बात करेंगे। हालांकि युद्धविराम की पहली घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस युद्धविराम की घोषणा करते हुए इसे एक ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, "लंबी रात की बातचीत के बाद, मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और पाकिस्तान ने पूर्ण और तत्काल युद्धविराम पर सहमति जताई है। दोनों देशों को बधाई कि उन्होंने समझदारी और बुद्धिमत्ता का उपयोग किया।"
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी खुलासा किया कि उन्होंने और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने पिछले 48 घंटों में भारत और पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारियों, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, शहबाज शरीफ, विदेश मंत्री एस जयशंकर, और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल शामिल थे, के साथ बातचीत की थी।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इसाक डार ने भी युद्धविराम की पुष्टि करते हुए कहा, "पाकिस्तान और भारत ने तत्काल प्रभाव से युद्धविराम पर सहमति जताई है। पाकिस्तान हमेशा क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए प्रयासरत रहा है, बिना अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से समझौता किए।"
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्पष्ट किया कि युद्धविराम के बावजूद भारत की आतंकवाद के खिलाफ नीति में कोई बदलाव नहीं आएगा। उन्होंने कहा, "भारत आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ अपनी दृढ़ और समझौताहीन नीति को जारी रखेगा।"
यह युद्धविराम दोनों परमाणु-संपन्न पड़ोसियों के बीच दशकों में सबसे गंभीर सैन्य तनावों में से एक के बाद आया है। जी7 देशों ने भी इस तनाव को लेकर चिंता जताई थी और दोनों देशों से तत्काल डी-एस्केलेशन और शांतिपूर्ण समाधान के लिए प्रत्यक्ष संवाद की अपील की थी।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन को अब प्रभावित क्षेत्रों में नुकसान का आकलन करने और लोगों को राहत प्रदान करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस बीच, भारतीय सेना ने स्पष्ट किया है कि वह किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है और सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए सतर्कता बरत रही है।