भारतीय वायु सेना के नियंत्रण रेखा के पार आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक-2 करने के बाद भारतीय सेना ने रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की एक कविता को ट्वीट किया है। उनकी कविताओ में विद्रोह, आक्रोश और क्रान्ति की बात कही गई है। आज़ादी के बाद राष्ट्रकवि के नाम से जाने गये ‘दिनकर’ की कविता 'क्षमाशील हो रिपु-समक्ष’ के कुछ अंश को भारतीय सेना के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया है।
जानें राष्ट्रकवि ‘दिनकर’ को
रामधारी सिंह 'दिनकर' हिन्दी के एक प्रमुख लेखक, कवि व निबन्धकार थे। 'दिनकर' देश की आज़ादी से पहले एक विद्रोही कवि के रूप में स्थापित हुए और स्वतन्त्रता के बाद राष्ट्रकवि के नाम से जाने गये। एक ओर उनकी कविताओ में ओज, विद्रोह, आक्रोश और क्रान्ति की पुकार है तो दूसरी ओर कोमल श्रृंगारिक भावनाओं की अभिव्यक्ति है।
बिहार के सिमरिया घाट में 23 सितंबर, 1908 को जन्मे 'दिनकर' ने इतिहास, दर्शनशास्त्र और राजनीति विज्ञान की पढ़ाई पटना विश्वविद्यालय से की। उन्होंने संस्कृत, बांग्ला, अंग्रेजी और उर्दू का गहन अध्ययन किया था। 24 अप्रैल 1974 में उनका निधन हो गया था।