बड़े पैमाने पर इंडिगो की उड़ानें रद्द होने और व्यवधान (disruption) के बाद, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने सख्ती दिखाई है। दिखाते हुए अपने चार फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टरों को निलंबित/बर्खास्त कर दिया है। यह कार्रवाई उस दिन हुई जब विमानन नियामक ने परिचालन (operations) की बहाली और भर्ती प्रक्रिया के संबंध में पूछताछ के लिए इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स को तलब किया था।
DGCA के अधिकारियों का कहना है कि बर्खास्त किए गए चारों ऑपरेशन इंस्पेक्टर भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो के कामकाज की सीधी निगरानी के लिए जिम्मेदार थे। हालाँकि, डीजीसीए ने उनकी बर्खास्तगी का कोई विशेष कारण नहीं बताया है। फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टरों का काम परिचालन अनुपालन (operational compliance) और सुरक्षा की निगरानी करना होता है। ऐसा माना जा रहा है कि यह कदम जांच और निगरानी में लापरवाही के कारण उठाया गया है।
डीजीसीए ने इंडिगो के परिचालन (operations) पर कड़ी निगरानी रखने के लिए उसके मुख्यालय में वरिष्ठ कैप्टनों की एक निगरानी टीम भी तैनात की है। इस टीम में डीजीसीए के अन्य अधिकारी भी शामिल हैं जो उड़ानें रद्द होने की स्थिति, यात्रियों को रिफंड की स्थिति, और ऑन-टाइम प्रदर्शन (OTP) पर दैनिक रिपोर्ट सौंपेंगे।
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पहली टीम बेड़े की कुल संख्या, पायलटों की संख्या, क्रू का उपयोग (घंटों में), प्रशिक्षण प्राप्त क्रू, विभाजित कार्य, अनियोजित अवकाश, स्टैंडबाय क्रू, प्रति दिन उड़ानों की संख्या और क्रू की कमी के कारण प्रभावित क्षेत्रों की कुल संख्या जैसे पहलुओं की जांच कर रही है। यह टीम परिचालन की पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए औसत चरण लंबाई (एक उड़ान से लैंडिंग तक तय की गई दूरी) और एयरलाइन के नेटवर्क पर भी नजर रखेगी।
दूसरी टीम संकट के कारण उत्पन्न समस्याओं की जांच कर रही है, जिसमें धनवापसी की स्थिति (एयरलाइन और वेबसाइटों/एजेंटों दोनों की ओर से), नागरिक उड्डयन आवश्यकताओं (CAR) के तहत यात्रियों को मुआवजा, समय पर प्रदर्शन, खोए हुए सामान की वापसी और विभिन्न उड़ानों की रद्द होने की स्थिति शामिल है।

इंडिगो के ऑपरेशन में कटौती

सरकार ने इंडिगो को अपने ऑपरेशन में 10 प्रतिशत की कटौती करने का निर्देश दिया गया है। प्रतिदिन लगभग 2,200 उड़ानें संचालित करने वाली इस एयरलाइन के लिए 10 प्रतिशत की कटौती का मतलब 200 से अधिक उड़ानों को रद्द करना होगा। नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने मंगलवार को इस निर्णय की घोषणा करते हुए कहा था कि इंडिगो के आंतरिक प्रबंधन में चालक दल की सूची, उड़ान समय-सारणी और अपर्याप्त संचार के कारण कई यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा।
मंत्री नायडू ने कहा- "मंत्रालय इंडिगो के सभी मार्गों में कटौती करना आवश्यक समझता है, जिससे एयरलाइन के संचालन को स्थिर करने और रद्द होने वाली उड़ानों की संख्या में कमी लाने में मदद मिलेगी। 10% की कटौती का आदेश दिया गया है। इसका पालन करते हुए, इंडिगो पहले की तरह अपने सभी गंतव्यों पर उड़ानें जारी रखेगी।" 
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5 दिसंबर को उड़ानें रद्द होने की संख्या चरम पर थी, जब 1,000 से अधिक उड़ानें रद्द हुईं थीं, लेकिन उसके बाद से इसमें गिरावट आई है। यानी हालात सुधर रहे हैं। इंडिगो का ऑन-टाइम प्रदर्शन (OTP) जो पिछले सप्ताह घटकर 30% पर आ गया था, पिछले दो दिनों में 92% से ऊपर वापस आ गया है। इसी बीच दिल्ली हाई कोर्ट ने भी सरकार और एयरलाइन को फटकार लगाते हुए पूछा था कि जब एयरलाइन विफल हो गई थी, तब सरकार ने क्या किया और टिकट की कीमतें ₹4-5 हजार से बढ़कर ₹40 हजार तक कैसे पहुंच गईं।