इस खबर के सामने आने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस मुद्दे को लेकर कई प्रतिक्रियाएँ आईं। कई यूजरों ने इस घटना को असामान्य बताया। एक यूजर ने लिखा, 'शिक्षा मंत्रालय ने जेएनयू वी-सी से गुजरात में आयोजित कुलपतियों के सम्मेलन में अनुपस्थिति का स्पष्टीकरण मांगा है, इसे गंभीरता से लिया जा रहा है।' एक अन्य पोस्ट में कहा गया, 'यह एक असामान्य कदम है, मंत्रालय ने जेएनयू वी-सी की अनुपस्थिति को गंभीरता से लिया है।'
जेएनयू की पहली महिला कुलपति
शांतिश्री धूलिपुडी पंडित जेएनयू की पहली महिला कुलपति हैं, जिन्होंने फरवरी 2022 में 13वें कुलपति के रूप में कार्यभार संभाला था। वह स्वयं जेएनयू की पूर्व छात्रा हैं और विश्वविद्यालय को भारत का नंबर एक संस्थान मानती हैं। एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा था, 'जेएनयू डी-फाइव का प्रतीक है: डेमोक्रेसी, डेवलपमेंट, डाइवर्सिटी, डिसेंट और डिफरेंस।' हालाँकि, उनकी अनुपस्थिति का यह मुद्दा विश्वविद्यालय और मंत्रालय के बीच संबंधों में एक नया तनाव पैदा कर सकता है।