कश्मीरी छात्रों को दूसरे राज्यों में धमकियों और उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। सोशल मीडिया पर तमाम वायरल वीडियो हैं, जिनमें कश्मीरी मुस्लिम छात्रों को उत्तराखंड छोड़ने की धमकी देते हुए दिखाई दे रहे हैं।
उत्तराखंड में कश्मीरी छात्रों के खिलाफ प्रदर्शन
22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकी हमले के बाद देश के अलग-अलग कोनों में पढ़ रहे कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा पर सवाल उठ गया है। ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं जिसमें कश्मीरी छात्रों को लोग धमकी दे रहे हैं।
23 अप्रैल, 2025 को उत्तराखंड से हिंदू रक्षा दल के नेता ललित शर्मा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इस वीडियो में शर्मा ने कश्मीरी मुस्लिम छात्रों को 24 अप्रैल, 2025 की सुबह 10 बजे तक उत्तराखंड छोड़ने की धमकी दी। उन्होंने कहा कि अगर वे तय समय सीमा में राज्य नहीं छोड़ते हैं तो उनके साथ ‘उचित व्यवहार’ किया जाएगा। यह भी धमकी दी गई थी कि वे लोग छात्रों को “एक-एक करके उठाएंगे।“
यह धमकी जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल, 2025 को हुए आतंकवादी हमले के बाद कश्मीरी छात्रों को दी गई। इस आतंकवादी हमले में 26 पर्यटक मारे गए थे। इस घटना के बाद देश भर में लोग गुस्से में आ गये थे। हिन्दू रक्षा दल के ललित शर्मा उस आतंकी हमले का ठीकरा इन छात्रों के ऊपर फोड़ रहे थे क्योंकि ये छात्र उस कश्मीर से हैं, जहां आतंकवादी हमला हुआ।
इस धमकी के बाद देहरादून में कश्मीरी छात्रों के बीच भय का माहौल पैदा हो गया। जम्मू और कश्मीर स्टूडेंट यूनियन (जेकेसए) के राष्ट्रीय संयोजक नासिर खुएमी ने बताया कि हिंदू रक्षा दल ने देहरादून के कई कॉलेजों को लिखित धमकियां भेजीं, जिसमें कश्मीरी मुस्लिम छात्रों को तुरंत निष्कासित करने की मांग की गई।
दून पीजी कॉलेज के एक छात्र ने बताया कि उनके संस्थान में कम से कम पांच छात्र शहर छोड़कर चले गए, जबकि 15 अन्य छात्रों ने डर के बावजूद अपनी परीक्षाएं दीं। छात्रों ने बताया कि उन्हें लगातार “आतंकवादी” जैसे सांप्रदायिक अपशब्दों का सामना करना पड़ रहा है।
देहरादून पुलिस ने इस बात की सूचना मिलते ही त्वरित कार्रवाई की। सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया। साथ ही सोशल मीडिया से कम से कम 25 वे पोस्ट हटाए गये जो आग भड़काने वाले थे। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने कहा कि पुलिस कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के डीन और वार्डन के साथ लगातार संपर्क में है ताकि कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कानून तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का वादा किया। हालांकि, उन्होंने ललित शर्मा के वीडियो पर कोई सीधी टिप्पणी नहीं की, जिससे कई सवाल उठ रहे हैं।
दिक्कत यह है कि यह संकट केवल उत्तराखंड तक सीमित नहीं है। जेकेएसए की सूचनाओं के मुताबिक पहलगाम हमले के बाद उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और पंजाब में कश्मीरी छात्रों के खिलाफ कम से कम आठ घटनाएं दर्ज की गई हैं। इन घटनाओं को एक “जानबूझकर चलाई गई हेट पॉलिटिक्स” तौर पर देखा जा रहा है।
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में अरनी विश्वविद्यालय में कश्मीरी छात्रों को गंभीर उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। छात्रों ने बताया कि उन्हें “आतंकवादी” कहकर अपमानित किया गया, उनके हॉस्टल के दरवाजे तोड़े गए, और उन पर शारीरिक हमले किए गए। इस डरावने माहौल के कारण कई छात्र विश्वविद्यालय छोड़कर भाग गए। जेकेसए ने इन छात्रों से मिले संकट कॉल की जानकारी दी, जिसमें स्थिति को “बेहद गंभीर” बताया गया।
पंजाब में भी स्थिति चिंताजनक है। चंडीगढ़ में भी यूनिवर्सल ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में रात के समय कश्मीरी छात्रों के हॉस्टल पर हमला हुआ। स्थानीय लोग और कुछ अन्य छात्रों ने कथित तौर पर तेज हथियारों के साथ हॉस्टल में प्रवेश किया, कपड़े फाड़े और कम से कम एक छात्र को घायल कर दिया। जम्मू कश्मीर छात्र संगठन के लोगों ने पंजाब पुलिस और कॉलेज सुरक्षा की निष्क्रियता की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं से छात्रों का व्यवस्था पर से विश्वास उठ रहा है।
जेकेसए ने इन घटनाओं के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है। नासिर खुएमी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की। हिमाचल प्रदेश और पंजाब में भी अधिकारियों से इसी तरह की मांग की गई है।
इस घटना पर जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री ओमर अब्दुल्ला ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने छात्रों को आश्वासन दिया है कि “जम्मू-कश्मीर सरकार उन राज्यों की सरकारों के संपर्क में है जहां से ये रिपोर्टें आ रही हैं। मैं इन राज्यों के अपने समकक्ष मुख्यमंत्रियों के संपर्क में भी हूं और उनसे अतिरिक्त सावधानी बरतने का अनुरोध किया है।
एक तरफ कश्मीर से लौट रहे सैलानी आतंकी हमले के बाद वहाँ के लोगों की मदद की बात कर रहे हैं। बता रहे हैं कि किस तरह स्थानीय लोगों ने उनकी मदद की। वहीं दूसरी ओर देश के अन्य हिस्सों में कश्मीरी छात्रों की सुरक्षा पर भी खतरा आ गया है।