भारत ने बुधवार को एक वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक को तलब किया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिकी विदेश विभाग के एक अधिकारी की टिप्पणी पर कड़ा विरोध दर्ज कराया।
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विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने मिशन के कार्यवाहक उपप्रमुख ग्लोरिया बरबेना को यहां साउथ ब्लॉक स्थित अपने कार्यालय में तलब किया। बैठक 30 मिनट से अधिक समय तक चली।
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जर्मनी के दूत को तलब किए जाने के समय भारत ने जर्मनी के प्रवक्ता की टिप्पणी को "आंतरिक मामलों में ज़बरदस्त हस्तक्षेप" करार दिया था। विदेश मंत्रालय ने कहा था, "हम ऐसी टिप्पणियों को हमारी न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप और हमारी न्यायपालिका की स्वतंत्रता को कम करने के रूप में देखते हैं। इस मामले में पक्षपातपूर्ण धारणाएं सबसे अनुचित हैं।"
अरविंद केजरीवाल को कथित शराब नीति घोटाले के सिलसिले में पिछले हफ्ते ईडी ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद AAP ने दिल्ली में उग्र विरोध प्रदर्शन किया। केजरीवाल को इस सप्ताह 28 मार्च तक जेल भेज दिया गया।
ईडी का मानना है कि अब खत्म हो चुकी शराब नीति खुदरा विक्रेताओं के लिए 185 प्रतिशत और थोक विक्रेताओं के लिए 12 प्रतिशत का असंभव उच्च लाभ मार्जिन दे रही थी। बाद में इस मामले में ₹ 600 करोड़ से अधिक की रिश्वत भी दी गई, इस पैसे का इस्तेमाल कथित तौर पर आप के चुनाव अभियानों के वित्तपोषण के लिए किया गया। हालांकि इन आरोपों से आप और उसके नेताओं ने हमेशा इनकार किया है।
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