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खरगोन में सोमवार को समुदाय विशेष के घरों और दुकानों पर चलता बुलडोजर। फोटो सोशल मीडिया

खरगोन दंगाः समुदाय विशेष के घरों पर चले बुलडोजर, 84 गिरफ्तार

मध्य प्रदेश के खरगोन में साम्प्रदायिक हिंसा के लिए मुस्लिमों को जिम्मेदार बताकर सरकार ने आज बड़ी कार्रवाई की। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज सुबह कहा था कि सरकार दंगाइयों से नुकसान की वसूली की जाएगी। इसके बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि जिन घरों से पत्थर चले हैं, उन्हें पत्थर के ढेर में बदल दिया जाएगा। इन बयानों के कुछ ही देर बाद 5 बुलडोजर खरगोन के एक सिनेमा हॉल के पास मुस्लिम घरों और उनकी दुकानों को गिराने पहुंच गए। करीब 50 घरों को गिराने के लिए पहचान की गई है।

मुस्लिम घरों को चिन्हित कर उन्हें गिराने के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं। इन वीडियो को दोनों समुदायों के लोग डाल रहे हैं। एक समुदाय इसे सजा की कार्रवाई बता रहा है तो दूसरा समुदाय इसे मुसलमानों पर एकतरफा कार्रवाई बता रहा है। इंदौर के कमिश्नर डॉ पवन शर्मा ने बताया कि करीब 84 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। करीब 50 मकानों को गिराया जाएगा, जिनकी पहचान कर ली गई है। ये लोग दंगे में शामिल थे। हम दंगाइयों की कमर आर्थिक रूप से तोड़ देंगे। 

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खरगोन में कल हिंसा उस वक्त भड़की, जब रामनवमी के एक जुलूस को मुस्लिम बस्ती से निकाला गया। तालाब चौक पर तेज बजते डीजे को जब बंद कराने की कोशिश की गई तो दोनों पक्षों में बहस हो गई। इसी दौरान पथराव हुआ और उसके फौरन बाद शहर में हिंसा शुरू हो गई। समुदाय विशेष के घरों और इबादतगाहों को निशाना बनाया गया। इस घटना में काफी लोग घायल हुए। जिला प्रशासन ने कर्फ्यू लगाकर हालांकि हालात काबू होने के दावा किया लेकिन शहर की गलियों से रातभर शोर-शराबे की आवाजें आती रहीं। ऐसा लग रहा था कि घरों पर कुछ लोगों का जत्था हमले कर रहा था। 

महत्वपूर्ण यह है कि अभी तक इस घटना की जांच भी नहीं हुई है कि हिंसा अचानक किसने और क्यों, किस तरफ से शुरू की। क्या जुलूस को मुस्लिम इलाके से ले जाने की अनुमति दी गई थी। लेकिन उससे पहले खरगोन की मुस्लिम बस्तियों में बुलडोजर भेज कर मकानों को गिराने की कार्रवाई शुरू कर दी गई। 

गौरतलब है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली के दंगों में आरोपी बीजेपी नेता कपिल मिश्रा भी कल खरगोन में मौजूद थे। उन्होंने रामनवमी यात्रा शुरू किए जाने के फोटो खुद अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किए हैं। हालांकि उनका खरगोन की हिंसा से कोई संबंध नहीं है।

ओवैसी का आरोप

इस बीच एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया है कि रविवार को रामनवमी के मौके पर देश के कई राज्यों में एक ही पैटर्न पर दंगे हुए और उन्होंने इसके लिए हिन्दूवादी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि कई स्थानों पर मुसलमानों के खिलाफ नफरत भरे भाषण देने के लिए रामनवमी जुलूस और रथ यात्रा का इस्तेमाल किया गया। धर्मगुरुओं ने मुसलमानों के नरसंहार और दुष्कर्म की बात कही। हिन्दुत्व की बात कहने वाली भीड़ ने पुलिस की शह पर मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, झारखंड में माहौल खराब किया। बता दें कि ओवैसी ने जिन राज्यों का जिक्र किया, उनके कई शहरों में धार्मिक यात्रा निकालने के दौरान हिंसा की घटनाएं हुई हैं। मस्जिदों को निशाना बनाया गया है। 

सोशल मीडिया पर भी देश के कई राज्यों में हुई साम्प्रदायिक हिंसा को लेकर आम लोगों ने चिन्ता जताई है। कुछ लोगों ने लिखा है कि देश में कुछ संगठन आग से खेल रहे हैं। कुछ लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप की अपील की है। कुछ लोगों ने लिखा है कि इसके नाम पर वोट तो मिल जाएगा लेकिन देश की तरक्की गर्त में चली जाएगी।  

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क़मर वहीद नक़वी
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