भारतीय मीडिया के एक वर्ग पर पिछले छह साल से ये आरोप लगते रहे हैं कि वह सत्ता प्रायोजित ख़बरों को चलाता है। मतलब कि सरकार की ओर से जो दिखाने का संकेत हो, वही चैनल पर दिखेगा। उसके ख़िलाफ़ जाने पर सत्ता की नाराज़गी का डर है। कभी निर्भीक और सच की पत्रकारिता करने वाला भारतीय मीडिया इस तरह के गंभीर आरोपों के कारण सवालों के घेरे में है।