तीन से चार महीने के भीतर 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। बिहार, हैदराबाद नगर निगम चुनाव में मिली जीत के बाद चुनावी राज्यों के ताबड़तोड़ दौरे कर रहे बीजेपी नेताओं और मोदी सरकार के मंत्रियों के माथे पर किसान आंदोलन ने चिंता की लकीरें खींच दी हैं।
इन महापंचायतों के जरिये किसान केंद्र सरकार तक संदेश पहुंचा रहे हैं कि वह उन्हें कम करने न आंके। मतलब साफ है कि जब तक कृषि क़ानून वापस नहीं होंगे, तब तक उनका आंदोलन जारी ही नहीं रहेगा बल्कि इसका और विस्तार होगा।