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लता मंगेशकर के सम्मान में दो दिवसीय राष्ट्रीय शोक

सरकार ने कहा है कि लता मंगेशकर की याद में और सम्मान में दो दिवसीय राष्ट्रीय शोक मनाया जाएगा। महान गायक के सम्मान में राष्ट्रीय ध्वज दो दिनों तक आधा झुका रहेगा। उनका अंतिम संस्कार आज शाम 6.30 बजे पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।

दुनियाभर के करोड़ों प्रशंसकों के दिलों पर राज करने वाली सुरों की कोकिला लता मंगेशकर का 92 साल की उम्र में निधन हो गया है। वह पिछले 28 दिनों से मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थीं। 

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इलाज में उनकी उम्र भी आड़े आ रही थी क्योंकि वो पिछले काफी समय से निमोनिया से ग्रसित थीं। उनको आईसीयू में वेंटिलेटर पर रखा गया था। 3 दिन पहले ही उनको वेंटिलेटर से हटा कर आईसीयू में शिफ्ट किया गया था लेकिन उनकी तबीयत जब बिगड़ने लगी तो शनिवार को फिर से वेंटिलेटर सपोर्ट पर रख दिया गया। आज सुबह 8 बजकर 12 मिनट पर लता मंगेशकर ने आखिरी साँस ली।

महाराष्ट्र सरकार ने ऐलान किया है कि लता मंगेशकर का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।

लता मंगेशकर के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित देश भर के लोगों ने शोक व्यक्त किया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है, 'लता जी का निधन मेरे लिए हृदयविदारक है, जैसा कि दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए है। उनके गीतों की विशाल श्रृंखला में, भारत के सार और सुंदरता को प्रस्तुत करने वाले पीढ़ियों ने अपनी आंतरिक भावनाओं की अभिव्यक्ति पाई। भारत रत्न, लता जी की उपलब्धियां अतुलनीय रहेंगी।'
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प्रधानमंत्री मोदी ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा है, 'मैं शब्दों से परे पीड़ा में हूँ। दयालु और देखभाल करने वाली लता दीदी हमें छोड़कर चली गई हैं। वह हमारे देश में एक खालीपन छोड़ गई हैं जिसे भरा नहीं जा सकता। आने वाली पीढ़ियाँ उन्हें भारतीय संस्कृति के एक दिग्गज के रूप में याद रखेंगी, जिनकी सुरीली आवाज़ में लोगों को मंत्रमुग्ध करने की अद्वितीय क्षमता थी।'
मराठी पिता और गुजराती माँ की सबसे बड़ी संतान लता मंगेशकर का जन्म 28 सितम्बर 1929 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था। गोवा के मंगेशी कस्बे के मूल निवासी उनके पिता दीना नाथ मंगेशकर अपने दौर के मशहूर शास्त्रीय गायक और रंगकर्मी थे। 1942 में दीनानाथ मंगेशकर की मृत्यु के बाद 13 साल की लता पर पूरे परिवार की ज़िम्मेदारी आ पड़ी। 
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क़मर वहीद नक़वी
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