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अडानी को लोन नियमों के हिसाब से दिए गएः वित्त मंत्री

केंद्र सरकार ने शनिवार को अडानी समूह की कंपनियों को दिए गए लोन पर अपना बचाव किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि एलआईसी, एसबीआई और बाकी सरकारी बैंकों ने नियमों के तहत ही अडानी समूह को लोन दिए। न तो एलआईसी को औऱ न ही एसबीआई को कोई घाटा हुआ है। निर्मला ने कहा-

एफपीओ आते हैं और बाहर निकल जाते हैं। पहले भी एफपीओ वापस लिए गए हैं। हर बाजार में उतार-चढ़ाव होता है। तथ्य यह है कि पिछले कुछ दिनों में हमारे पास 8 बिलियन (विदेशी मुद्रा भंडार) आया है, यह साबित करता है कि भारत और इसकी ताकत के बारे में दुनिया की धारणा बरकरार है।


-निर्मला सीतारमण, 4 फरवरी 2023 को बयान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि रिजर्व बैंक और अन्य एजेंसियां अपना काम कर रही हैं। रिजर्व बैंक ने कल शुक्रवार को ही इस बारे में बताया था कि उसने सभी सरकारी बैंकों से सूचनाएं मांगी हैं। 
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निर्मला सीतारमण ने कहा कि  रेगुलेटर अपना काम कर रहे हैं। आरबीआई ने बयान दिया। एलआईसी ने  अपने एक्सपोजर (अडानी समूह को) के बारे में बताया। रेगुलेटर आजाद है, जो उचित है उसे करने के लिए सक्षम हैं ताकि बाजार अच्छी तरह से चलता रहे। 

अडानी पर वित्त मंत्री का बयान ऐसे समय आया है, जब केंद्र की मोदी सरकार विपक्ष के आरोपों का सामना कर रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी काफी समय से आरोप लगाते रहे हैं कि मोदी सरकार को अडानी और अंबानी चलाते रहे हैं। हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट ने अडानी पर हेराफेरी के गंभीर आरोप लगाए। विपक्ष ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट को मुद्दा बना दिया है। 
अडानी विवाद एक राजनीतिक फ्लैशप्वाइंट में बदल गया है। विपक्ष ने अदालत की निगरानी में जांच या आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति की जांच की मांग की है। वित्त मंत्री ने शुक्रवार को कहा था कि भारत का वित्तीय क्षेत्र बहुत अच्छी तरह से विनियमित है और मात्र एक उदाहरण से उसे हिलाया नहीं जा सकता। वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने भी शुक्रवार को कहा था कि व्यापक आर्थिक दृष्टिकोण से यह स्थिति बस "चाय के प्याले में तूफान" की तरह है। शनिवार को, उन्होंने कहा कि वह अपने बयान पर कायम हैं।
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद से अडानी कंपनियों के शेयरों की क़ीमतें धड़ाम गिरी हैं और इससे समूह का मूल्य क़रीब आधा ही रह गया है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से अब तक क़रीब 120 बिलियन यानी 1.2 ख़रब डॉलर का नुक़सान हुआ है।

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हिंडनबर्ग रिसर्च ने उद्योगपति गौतम अडानी की कंपनियों पर स्टॉक में हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हमने अपनी रिसर्च में अडानी समूह के पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों सहित दर्जनों व्यक्तियों से बात की, हजारों दस्तावेजों की जांच की और इसकी जांच के लिए लगभग आधा दर्जन देशों में जाकर साइट का दौरा किया। हालाँकि अडानी समूह ने उन आरोपों को खारिज कर दिया।

रिपोर्ट आने के बाद अडानी समूह को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। अब भारतीय स्टॉक एक्सचेंज ने अडानी एंटरप्राइजेज सहित अडानी समूह की कम से कम तीन कंपनियों को बीएसई और एनएसई की निगरानी में डाल दिया है।अडानी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक और झटका लगने जा रहा है। S&P डाउ जोंस ने कहा है कि वह अडानी समूह की प्रमुख फर्म अडानी एंटरप्राइजेज को 7 फरवरी से अपने इंडेक्स से हटा देगा। डाउ जोंस ने तमाम मीडिया विश्लेषण और हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट आने के बाद पहली बार यह घोषणा की है। 

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यूसुफ किरमानी
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