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खड़गे ने घोषणापत्र पर पीएम के आरोपों का चुन-चुन कर दिया जवाब, जानें क्या कहा

कांग्रेस के घोषणापत्र पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाल के बयानों पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने खुला ख़त लिखा है। उन्होंने पीएम मोदी द्वारा की गई टिप्पणी पर एक-एक आरोप का जवाब दिया है। कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने उन्हें पत्र लिखकर कहा है कि हमारे न्याय पत्र को समझाने के लिए आपसे व्यक्तिगत रूप से मिलकर बहुत खुशी होगी।

प्रधानमंत्री को संबोधित अपने पत्र में खड़गे ने लिखा है कि 'मैं आपकी भाषा या आपके भाषणों से न तो हैरान हूँ और न ही आश्चर्यचकित हूँ'। एक्स पर साझा किए गए पत्र में उन्होंने कहा, 'उम्मीद थी कि चुनाव के पहले चरण में भाजपा के निराशाजनक प्रदर्शन को देखने के बाद आप और आपकी पार्टी के अन्य नेता इस तरह से बोलना शुरू करेंगे।'

खड़गे का यह ख़त तब आया है जब कांग्रेस पर चौतरफ़ा हमला करते हुए प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस धन का पुनर्वितरण करना चाहती है और वह सत्ता में आने पर लागू कर देगी। उन्होंने कहा है कि इस कथित योजना के तहत घरों और आभूषणों सहित निजी संपत्ति को छीन लिया जाएगा और पुनर्वितरित किया जाएगा। उन्होंने पिछले रविवार को आरोप लगाया था कि कांग्रेस इसका पुनर्वितरण 'ज़्यादा बच्चे वालों' और 'घुसपैठियों' को करेगी।

पीएम मोदी ने रविवार को चुनावी रैली में कहा था, 'उन्होंने (कांग्रेस ने) कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। इसका मतलब, ये संपत्ति इकट्ठी कर किसको बाँटेंगे? जिनके ज़्यादा बच्चे हैं उनको बाँटेंगे। घुसपैठिए को बाँटेंगे। ...ये कांग्रेस का मैनिफेस्टो कह रहा है... कि माताओं-बहनों के सोने का हिसाब करेंगे। ...जानकारी लेंगे और फिर संपत्ति को बाँट देंगे। और उनको बाँटेंगे जिनको मनमोहन सिंह जी की सरकार ने कहा था कि संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। ये अर्बन नक्सल की सोच, मेरी माताओ, बहनो, ये आपका मंगलसूत्र भी बचने नहीं देंगे।' 

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प्रधानमंत्री ने राजस्थान के बांसवाड़ा में एक रैली में ऐसा हमला किया था। उन्होंने सभा में मौजूद लोगों से पूछा था कि क्या आपकी मेहनत की कमाई घुसपैठियों को दी जाएगी, क्या आपको यह स्वीकार है? उन्होंने कहा था कि कांग्रेस का घोषणापत्र यह कह रहा है।
कांग्रेस ने इन आरोपों से इनकार किया है। इसके घोषणापत्र में कहा गया है कि निर्वाचित होने पर कांग्रेस देश भर में सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना कराएगी।

इसने कहा, 'कांग्रेस जातियों और उप-जातियों और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थितियों की गणना करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना आयोजित करेगी। आंकड़ों के आधार पर हम अफर्मेटिव एक्शन (आरक्षण जैसी व्यवस्था) के एजेंडे को मजबूत करेंगे।' घोषणापत्र में निजी संपत्ति के पुनर्वितरण की योजना के बारे में कुछ नहीं कहा गया है।

ऐसी स्थिति होने, कांग्रेस द्वारा बार-बार पीएम के आरोपों को खारिज किए जाने और पीएम को ऐसा साबित करने की चुनौती दिए जाने के बावजूद प्रधानमंत्री रैली दर रैली अपना यही आरोप दोहराते रहे हैं।

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खड़गे ने ख़त में नरेंद्र मोदी सरकार को सूट-बूट की सरकार बताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह उन कॉर्पोरेट के लिए काम करती है जिनके कर इन्होंने कम कर दिए हैं, जबकि वेतनभोगी वर्ग अधिक कर चुकाता है। उन्होंने ख़त में लिखा है, 'गरीब भोजन और नमक पर भी जीएसटी का भुगतान करता है और अमीर कॉर्पोरेट जीएसटी रिफंड का दावा करते हैं। यही कारण है कि जब हम अमीर और गरीब के बीच असमानता की बात करते हैं, तो आप जानबूझकर इसे हिंदू और मुस्लिम के साथ जोड़ रहे हैं। हमारा घोषणापत्र भारत के लोगों के लिए है, चाहे वे हों हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, सिख जैन या बौद्ध हैं।'

कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री पर देश की गरीब और पिछड़ी महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, 'आज, आप उनके मंगलसूत्र के बारे में बात करते हैं। क्या आपकी सरकार मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, दलित लड़कियों के खिलाफ अत्याचार, बलात्कारियों को माला पहनाने के लिए जिम्मेदार नहीं है?'

उन्होंने आगे कहा, 'जब आपकी सरकार में किसान आत्महत्या कर रहे हैं, तो आप उनकी पत्नियों और बच्चों की सुरक्षा कैसे कर रहे हैं? कृपया नारी न्याय के बारे में पढ़ें, जिसे हम सत्ता में आने पर लागू करेंगे।'

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पत्र में आरोप लगाया गया है कि 'संदर्भ से हटकर लिए गए कुछ शब्दों को पकड़ना और सांप्रदायिक विभाजन पैदा करना' प्रधानमंत्री की 'आदत' बन गई है। उन्होंने लिखा है, 'इस तरह से बोलकर आप कुर्सी की गरिमा कम कर रहे हैं। जब यह सब खत्म हो जाएगा, तो लोगों को याद रहेगा कि देश के प्रधानमंत्री ने चुनाव हारने के डर से ऐसी अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था।'

कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम मोदी से कहा है, 'कांग्रेस न्याय पत्र का उद्देश्य युवाओं, महिलाओं, किसानों, मजदूरों और सभी जातियों और समुदायों के हाशिए पर रहने वाले लोगों को न्याय देना है। आपके सलाहकारों द्वारा आपको उन चीजों के बारे में गलत जानकारी दी जा रही है जो हमारे घोषणापत्र में भी नहीं लिखी गई है। ...हमारे न्याय पत्र को समझाने के लिए आपसे व्यक्तिगत रूप से मिलकर खुशी होगी ताकि देश के प्रधानमंत्री के रूप में आप कोई भी गलत बयान न दें।'

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क़मर वहीद नक़वी
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