यह पहला मौका नहीं है जब मायावती ने मुस्लिमों के मामले में इस तरह से अपनी बात रखी है। कानपुर हिंसा के बाद भी उनका बयान आया था। उन्होंने 6 जून को कहा था कि देश में सभी धर्मों का सम्मान जरूरी। किसी भी धर्म के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल उचित नहीं। इस मामले में बीजेपी को भी अपने लोगों पर सख्ती से शिकंजा कसना चाहिए। केवल उनको सस्पेंड व निकालने से काम नहीं चलेगा बल्कि उनको सख्त कानूनों के तहत जेल भेजना चाहिए।