कृषि क़ानूनों पर आर-पार की लड़ाई का एलान कर चुके किसानों को किस तरह समझाया जाए, इसे लेकर बीजेपी आलाकमान और मोदी सरकार लगातार माथापच्ची कर रहे हैं। मोदी सरकार और बीजेपी संगठन सोशल मीडिया से सड़क तक नए कृषि क़ानूनों को किसानों के हित में बता रहे हैं लेकिन पंजाब-हरियाणा के साथ ही देश भर के किसान इन्हें डेथ वारंट बता रहे हैं।
किसान आंदोलन: मंथन कर रही मोदी सरकार, शाह के घर बैठक
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- 2 Dec, 2020
कृषि क़ानूनों पर आर-पार की लड़ाई का एलान कर चुके किसानों को किस तरह समझाया जाए, इसे लेकर बीजेपी आलाकमान और मोदी सरकार लगातार माथापच्ची कर रहे हैं।

बॉर्डर पर अड़ गए किसान
अध्यादेश आने के बाद से ही क़ानून बनाने पर अड़ी मोदी सरकार को लगा था कि किसानों का छिटपुट विरोध लंबा नहीं चलेगा। लेकिन जब 26 नवंबर को पंजाब से हज़ारों किसान दिल्ली के लिए निकले तो हरियाणा की बीजेपी सरकार ने उन्हें रोकने के लिए पूरी ताक़त लगा दी। लेकिन ट्रैक्टर ट्रालियों में भरकर आए किसानों ने सारे इंतजामों को हवा में उड़ा दिया और दिल्ली-हरियाणा के टिकरी और सिंघू बॉर्डर पर आकर जमे हुए हैं।