loader
मेघालय-असम सीमा पर भारी तनाव है।

मेघालय-असम सीमा पर फायरिंग, 6 मारे गए, इंटरनेट बंद

असम-मेघालय के बहुचर्चित समझौते के चंद महीनों बाद आज मंगलवार 22 नवंबर को दोनों राज्यों की सीमा पर हिंसा हुई, फायरिंग भी हुई, जिसमें 6 लोग मारे गए। असम के वन रक्षकों पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर मेघालय के पांच लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी। मेघालय के सीएम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घटना की जानकारी दी, जबकि असम ने चुप्पी साध ली है। असम के सीएम गुजरात विधानसभा चुनाव में स्टार प्रचारक बन कर घूम रहे हैं।
मेघालय-असम बॉर्डर पर मुरोख गांव से कुछ लोग लकड़ी लेकर लौट रहे थे। यह विवादित क्षेत्र है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि लकड़ी ले जा रहे वाहनों को रोकने के लिए असम के गार्डों ने पहले उन पर फायरिंग की। इस घटना में पांच लोग मारे गए। असम के वन सुरक्षा गार्ड के भी मारे जाने की खबर है। इस घटना की सूचना पड़ोस के गांव को मिली, वहां से भारी तादाद में लोग आ गए और उन्होंने जबरदस्त पथराव किया। दोनों तरफ हालात तनावपूर्ण है। असम पुलिस ने भी अब मोर्चा संभाल लिया है।
ताजा ख़बरें
मेघालय के पूर्वी रेंज के प्रभारी उप महानिरीक्षक डेविस एनआर मारक ने घटना की पुष्टि की और कहा कि वह घटनास्थल के लिए रवाना हो रहे हैं। अभी पूरी सूचना नहीं आई है। मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने स्थिति का जायजा लेने के लिए शीर्ष अधिकारियों की एक बैठक बुलाई है। राज्य सरकार ने 48 घंटों के लिए सात जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बंद करने की अधिसूचना जारी की है। सीएम संगमा ने कहा कि मेघालय पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। मेघालय सरकार ने पांचों परिवारों को 5-5 लाख रुपये देने की घोषणा की। सीएम संगमा ने कहा कि घटना की पूरी जानकारी जल्द ही साझा की जाएगी।
सोशल मीडिया पर आए वीडियो में कथित तौर पर क्षेत्र में दो समूहों के बीच साफ टकराव दिखाई दे रहा है। एक वीडियो में कथित तौर पर राइफलों से लैस वर्दीधारी कर्मियों को एक भीड़ पर हमला करते हुए दिखाया गया है। एक व्यक्ति को चिल्लाते हुए सुना जा सकता है कि गार्ड ने अपनी राइफलें निकाल ली हैं। कुछ सेकेंड बाद गोलियों की आवाज सुनाई देती है और लोग जान बचाकर भागते हैं।

समझौते के बाद हिंसा क्यों

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने मार्च में समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। दोनों राज्यों के बीच 884.9 किमी लंबी सीमा है। जिस पर 12 विवादित क्षेत्र हैं। इनमें से छह में पांच दशक पुराने विवाद को हल करने के लिए यह समझौता हुआ था। समझौता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में हुआ। समझौते को अमित शाह ने ऐतिहासिक बताते हुए कहा था कि इस पर हस्ताक्षर करने से 70% विवाद सुलझ जाएगा। शेष क्षेत्रों में विवाद को सुलझाने के लिए सरमा और संगमा ने अगस्त में बातचीत की थी। इसके बाद दोनों मुख्यमंत्री हाल ही में फिर से मिले थे और हालात शांतिपूर्ण होने की बात कही थी।

दोनों राज्यों ने सीमा विवाद पर चर्चा के लिए अगस्त 2021 में तीन पैनल बनाए थे। सरमा और संगमा ने राज्यों के बीच दो दौर की वार्ता के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय के विचारार्थ 31 जनवरी को एक प्रस्ताव पेश किया। दोनों पक्षों ने प्रस्तावित किया कि असम 18.51 वर्ग किमी रखेगा और मेघालय को 18.28 वर्ग किमी देगा। बंदोबस्त के पहले चरण में 36 गांवों को लेकर समझौता हुआ था।

यह विवाद 1972 का है जब मेघालय को असम से अलग कर राज्य बनाया गया था। 2021 में इसी तरह के सीमा विवाद में असम के पांच पुलिसकर्मी मारे गए थे।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें