35 वर्षीय एक प्रवासी मजदूर छाबू मंडल ने गुड़गांव में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। छाबू के चार बच्चे हैं और सबसे छोटे बच्चे की उम्र पांच माह है। छाबू की पत्नी के माता-पिता भी उसके साथ ही रहते हैं। छाबू पेंटर था लेकिन लॉकडाउन शुरू होने के बाद से ही उसके पास कोई काम नहीं था।
लॉकडाउन: काम ठप होने से आर्थिक किल्लत झेल रहे मजदूर ने गुड़गांव में की आत्महत्या
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- 18 Apr, 2020
35 वर्षीय प्रवासी मजदूर छाबू मंडल ने गुड़गांव में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। लॉकडाउन शुरू होने के बाद से ही उसके पास काम नहीं था।

प्रतीकात्मक तसवीर।
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, छाबू की पत्नी पूनम ने बताया कि पूरे परिवार ने बुधवार को पूरे दिन कुछ भी नहीं खाया था और उससे पहले वे लोग पड़ोसियों द्वारा बांटे जा रहे खाने पर निर्भर थे। इसलिए छाबू ने 2500 रुपये में अपना फ़ोन बेच दिया था और गुरुवार को वह एक पोर्टेबल पंखा और अपने परिवार के लिए कुछ राशन लेकर आया था।