देश के प्रधानमंत्री जिनको दिव्यांग कहते हैं उन्हीं का अपमान बीजेपी के नेता करते हैं। सिद्धार्थ नाथ सिंह यूपी की बीजेपी सरकार में मंत्री हैं। सिद्धार्थ नाथ सिंह पार्टी के शालीन नेता माने जाते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पोते हैं। लखनऊ में समाजवादी पार्टी और बीएसपी के बीच गठबंधन की ख़बरों पर प्रेस कांग्रेस कर रहे थे। उनसे पूछा गया कि क्या इस गठबंधन से बीजेपी को नुक़सान होगा? सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि बीजेपी बहुत मज़बूत है और लगातार मज़बूत होती जा रही है। जिन पार्टियों का अस्तित्व ख़त्म हो गया था वह अब एक-दूसरे से हाथ मिला रहे हैं। फिर वह निहायत भद्दे तरीके से बोले, “बैसाखियों का सहारा वे लेते हैं जो लूले-लंगड़े होते हैं।”

बीजेपी सरकार के मंत्री ने विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते-साधते दिव्यांग लोगों का अपमान कर दिया। मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह विपक्षी गठबंधन को लेकर टिप्पणी कर रहे थे।
यह कौन-सा तरीक़ा है समाज के किसी तबके को संबोधित करने का। क्या बैसाखी से चलना ख़राब बात है?
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।