संघ परिवार की विचारधारा से जुड़े एक वकील अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर लक्षद्वीप, मिजोरम, नगालैंड, मेघालय, जम्मू-कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और पंजाब में हिंदुओं को अल्पसंख्यक घोषित करने की मांग की थी। याचिका में कहा गया था कि इन राज्यों में अल्पसंख्यक होने के बावजूद हिंदुओं को अल्पसंख्यक घोषित नहीं किया गया और अल्पसंख्यकों को मिलने वाले लाभ बहुसंख्यक वर्ग के लोग ले रहे हैं और हिंदू इन सुविधाओं से वंचित हैं।
याचिका में लक्षद्वीप, मिजोरम, नगालैंड, मेघालय, जम्मू-कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और पंजाब में हिंदुओं को अल्पसंख्यक घोषित करने की मांग की गई थी।
याचिकाकर्ताओं ने 23 अक्टूबर, 1993 की उस अधिसूचना को चुनौती दी है, जिसके तहत मुसलिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, पारसी और जैन धर्म को मानने वालों को अल्पसंख्यक घोषित किया गया था।
इन राज्यों मे न तो केन्द्र ने और न ही राज्य सरकारों ने कानून के मुताबिक़ हिन्दुओं को अल्पसंख्यक समुदाय अधिसूचित किया है। इस वजह से इन राज्यों में हिन्दू संविधान के अनुच्छेद 25 और 30 के तहत अल्पसंख्यक वर्ग को मिलने वाले लाभ से वंचित हैं।