क़रीब एक साल के विरोध प्रदर्शन, न्यायालय के 3 फ़ैसलों के बाद आख़िरकार केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्रीय शैक्षणिक संस्थान (शिक्षक कैडर में आरक्षण) अध्यादेश 2019 को मंजूरी दे दी। अध्यादेश में विभाग या विषय के बजाय विश्वविद्यालय या कॉलेज को इकाई माना गया है। इस निर्णय से शिक्षक कैडर में सीधी भर्ती के तहत रिक्तियों को भरते समय यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि इससे संविधान के अनुच्छेद 14, 16 और 21 का पूरी तरह से अनुपालन हो और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए नियत आरक्षण प्रावधान का पालन हो।
आरक्षण पर अध्यादेश के बाद भी सरकार की नीयत पर संदेह बरक़रार
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- 7 Mar, 2019

देश भर में हुए व्यापक विरोध प्रदर्शन और लोकसभा चुनावों को देखते हुए सरकार थोड़ा झुकती नजर आई है, लेकिन सरकार का अध्यादेश तमाम आशंकाएँ लेकर भी सामने आया है।