प्रियंका गांधी
यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब लोकसभा चुनाव 2024 नजदीक आ चुका है। भाजपा समेत सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारी में व्यस्त हैं। विपक्षी दलों का आरोप है कि केंद्र की भाजपा सरकार अपने विरोधियों को निपटाने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स और अन्य का इस्तेमाल करती है। हर चुनाव में कोई न कोई कथित करप्शन का मुद्दा सामने आ जाता है। प्रियंका गांधी वाड्रा गांधी परिवार और कांग्रेस का प्रमुख चेहरा हैं। इस कथित मामले में नाम का उल्लेख होने से छवि पर असर पड़ेगा।
नवंबर में दायर नवीनतम आरोप पत्र में कहा गया है, “ एस्टेट एजेंट एचएल पाहवा, जिन्होंने वाड्रा और थम्पी दोनों को संपत्तियां बेचीं, ने हरियाणा में जमीन की खरीद के लिए कैश प्राप्त किया, और वाड्रा ने इस बिक्री के लिए पूरा भुगतान नहीं किया। पाहवा ने 2006 में प्रियंका गांधी को कृषि भूमि भी बेची और 2010 में उनसे इसे वापस खरीद लिया।''
रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी 2020 में गिरफ्तार किए गए थम्पी ने कथित तौर पर ईडी को बताया कि वह वाड्रा को 10 साल से अधिक समय से जानते हैं और वे वाड्रा की यूएई यात्राओं के दौरान कई बार मिले थे। ईडी ने कहा है कि थंपी ने 2005 से 2008 तक हरियाणा के फरीदाबाद के गांव अमीपुर में 486 एकड़ जमीन खरीदने के लिए पाहवा की सेवाओं का इस्तेमाल किया था।