Bihar Mutton Party Controversy: सावन के दौरान बिहार में मटन पार्टियों को लेकर राजनीतिक विवाद तूल पकड़ रहा है। आरएलडी नेता तेजस्वी यादव ने एनडीए की बैठक में पटनामें मटन परोसने का वीडियो शेयर किया है।
एनडीए की बैठक में पटना में मटन परोसने का आरोप। इसके वीडियो भी शेयर किए गए।
बिहार की सियासत में सावन के महीने में मटन परोसे जाने का विवाद बढ़ता जा रहा है। सनातम धर्म में भगवान शिव की भक्ति और मांसाहार से परहेज की परंपरा सदियों पुरानी है। केंद्रीय मंत्री और जेडीयू सांसद ललन सिंह की मटन पार्टी से शुरू हुआ विवाद अब नया मोड़ ले चुका है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने सोमवार देर रात एक वीडियो शेयर कर एनडीए दलों की पटना बैठक में मटन परोसने का दावा किया है। इस मुद्दे पर बीजेपी की खामोशी ने सियासी हलकों में सवाल खड़े कर दिए हैं।
तेजस्वी का वीडियो वार
सोमवार देर रात आरजेडी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री
तेजस्वी यादव ने एक वीडियो शेयर कर नया सियासी बम फोड़ा। इस वीडियो में एनडीए की एक बैठक में लंच या डिनर के दौरान बुफे टेबल पर एक बर्तन दिखाया गया, जिस पर “मटन” लिखी पर्ची लगी थी, हालांकि बर्तन का ढक्कन बंद था। तेजस्वी ने इस वीडियो के जरिए एनडीए पर निशाना साधते हुए सवाल उठाया कि जब विपक्ष के नेता मटन या मछली खाने के लिए आलोचनाओं का शिकार बनते हैं, तो एनडीए की इस मटन पार्टी पर चुप्पी क्यों?
तेजस्वी ने एक्स पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा है-
प्रधानमंत्री मोदी जी के असीम आशीर्वाद और कृपा से सावन के सोमवारी को दबा कर मटन चापते बीजेपी के मंत्री और विधायक। मोदी जी की कैबिनेट में बिहार से तीन ऐसे मंत्री है जो सावन में भी प्रतिदिन 3 किलो मटन खाते है लेकिन दिखावटी तौर पर सनातन पर लंबा चौड़ा ज्ञान देते है। हमें किसी के खाने से कभी कोई आपत्ति नहीं लेकिन प्रधानमंत्री जी भी कितने Selective हैं, इन्हें सावन में अपनी पार्टी के नेताओं का मटन खाना अच्छा लगता है परन्तु सावन में मांसाहार का सेवन नहीं करने वाले विपक्षी नेताओं के खाने को झूठ के सहारे ये राष्ट्रीय मुद्दा बनाने से भी परहेज नहीं करते। ललन सिंह की मटन पार्टी
विवाद की शुरुआत
16 जुलाई को लखीसराय के सूर्यगढ़ा में केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने 472 करोड़ रुपये की सड़क और पुल परियोजनाओं के शिलान्यास के बाद जेडीयू कार्यकर्ताओं के लिए एक भव्य भोज का आयोजन किया। इस भोज में मटन-चावल का इंतजाम था, जिसे ललन सिंह ने मंच से मुस्कुराते हुए घोषित किया, “भोजन का बढ़िया इंतजाम है। जो सावन मनाता है, उसके लिए शाकाहारी भोजन है, और जो नहीं मनाता, उनके लिए भी व्यवस्था है।” इस आयोजन में हजारों कार्यकर्ताओं ने मटन का लुत्फ उठाया, लेकिन सावन के पवित्र महीने में मटन भोज का सार्वजनिक प्रचार विपक्ष के लिए हथियार बन गया।
ललन सिंह की सफाई
ललन ने इस विवाद पर सफाई देते हुए कहा कि भोज में शाकाहारी भोजन की भी पूरी व्यवस्था थी, और यह आयोजन कार्यकर्ताओं के साथ जुड़ने का एक सामाजिक प्रयास था। उन्होंने कहा, “हमने किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं किया। सावन मानने वालों के लिए अलग इंतजाम था।” जेडीयू प्रवक्ताओं ने भी इसे विपक्ष की “सस्ती सियासत” करार दिया।
दोगलेपन का उदाहरणः 2023 में भी ललन सिंह की मटन पार्टी विवादों में रही थी। उस समय बीजेपी विपक्ष में थी। बीजेपी नेता विजय सिन्हा ने गंभीर आरोप लगाते हुए उस समय कहा था कि भोज के बाद “मुंगेर से हजारों कुत्ते गायब हो गए” और मांस की जांच होनी चाहिए। उस समय ललन सिंह के भोज में भगदड़ और मारपीट की खबरें भी सामने आई थीं। लेकिन उन्हीं विजय सिन्हा का स्टैंड अब बदल चुका है।
विपक्षी दलों, खासकर आरजेडी और कांग्रेस ने इसे धार्मिक भावनाओं का अपमान बताकर ललन सिंह और एनडीए पर हमला बोला। आरजेडी ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर तंज कसते हुए लिखा, “भगवान भोलेनाथ के पवित्र सावन मास में भी ललन सिंह मटन पार्टी देने से बाज नहीं आए! हिंदू धर्म के ये ठेकेदार दूसरों को तो खूब नसीहत देते हैं, पर जब अपनी बारी आती है, तो धर्म, रीत, परंपरा सब भूल जाते हैं!” कांग्रेस नेता बी. वी. श्रीनिवास ने भी सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर कहा, “सावन के महीने में मोदी-नीतीश की मटन पार्टी! धर्म के ठेकेदारों, डूब मरो!”
तेजस्वी का यह कदम बीजेपी और जेडीयू को उनके ही हथियार से घेरने की कोशिश थी। आरजेडी प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा, “एनडीए के लोग दूसरों पर सवाल उठाते हैं, लेकिन खुद वही काम करते हैं। सावन में लालू जी और राहुल गांधी के मटन खाने पर बीजेपी ने हंगामा मचाया था, अब ललन सिंह की मटन पार्टी पर खामोश क्यों हैं?”
बीजेपी की चुप्पी: दोहरा मापदंड?
इस पूरे विवाद में बीजेपी की चुप्पी सबसे ज्यादा चर्चा में है। 2023 में जब लालू प्रसाद यादव ने सावन के महीने में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मटन बनाकर खिलाया था, तब बीजेपी और आरएसएस के नेताओं ने इसे हिंदू आस्था का अपमान बताकर जमकर हंगामा किया था। तत्कालीन बीजेपी नेता स्व. सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा था, “राहुल ‘जनेऊधारी’ हिंदुत्व ‘इच्छाधारी’ हैं, और लालू-राबड़ी ने सावन में मांसाहार कर हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाई।”
इसी तरह, 2024 में चैत्र नवरात्र से ठीक पहले तेजस्वी यादव का मछली खाते हुए वीडियो वायरल होने पर बीजेपी और जेडीयू ने उन्हें “सनातन विरोधी” करार दिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक रैली में तेजस्वी पर तंज कसते हुए कहा था, “जब बिहार जल रहा है, तब ये लोग मछली-भात पार्टी कर रहे हैं।”
लेकिन अब, जब ललन सिंह की मटन पार्टी और एनडीए की बैठक में मटन की मौजूदगी का मुद्दा उठा है, बीजेपी खामोश है। बीजेपी नेता और उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने इस पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने कहा, “बीजेपी इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहती, ताकि विवाद या अनिश्चितता न बढ़े।” कुछ विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी की यह चुप्पी इसलिए है, क्योंकि ललन सिंह एनडीए के सहयोगी जेडीयू के बड़े नेता हैं, और आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे आने के बाद ललन की भूमिका बड़ी होने वाली है।
विपक्ष का हमला: “दोगलेपन” का आरोप
विपक्ष ने इस मौके को लपकते हुए बीजेपी और जेडीयू पर “दोहरे मापदंड” का आरोप लगाया है। आरजेडी की रोहिणी आचार्य ने तीखा हमला बोलते हुए कहा, “ये दोहरे चरित्र वाले अपना ही थूका चाट जाते हैं। जब हम मटन या मछली खाते हैं, तो ये धर्म का अपमान बताते हैं, लेकिन अपने नेताओं की मटन पार्टी पर चुप्पी साध लेते हैं।” कांग्रेस प्रवक्ता ज्ञानरंजन ने कहा, “एनडीए के चाल-चरित्र सामने आ गए हैं। इनके लिए धर्म और आस्था सिर्फ वोट बटोरने का हथियार है।”
सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा गरम है। एक यूजर ने लिखा, “अगर लालू या तेजस्वी ने ऐसा किया होता, तो बीजेपी का आईटी सेल और गोदी मीडिया धर्म खतरे में बता देता। ललन सिंह की मटन पार्टी पर चुप्पी क्यों?” एक अन्य यूजर ने तंज कसते हुए कहा, “सावन में मटन परोसने वाले ललन सिंह माथे पर त्रिपुंड और कलावा बांधकर हिंदुत्व की बात करते हैं। बिहार में सबसे बड़ा त्योहार तो चुनाव है!”
बिहार की राजनीतिक पार्टियांः मटन और मछली का पुराना रिश्ता
बिहार की सियासत में मटन और मछली के विवाद कोई नई बात नहीं हैं। 2023 में लालू यादव और राहुल गांधी का मटन बनाते हुए वीडियो और 2024 में तेजस्वी यादव का मछली खाते हुए वीडियो वायरल होने पर बीजेपी ने इसे हिंदू भावनाओं के खिलाफ बताया था। अब ललन सिंह की मटन पार्टी और एनडीए की बैठक में मटन की मौजूदगी ने विपक्ष को पलटवार का मौका दे दिया है।यह विवाद बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले सियासी माहौल को और गर्म कर रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि विपक्ष इस मुद्दे को धार्मिक और सांस्कृतिक संवेदनशीलता से जोड़कर एनडीए को घेरने की कोशिश कर रहा है, खासकर ग्रामीण और हिंदू मतदाताओं के बीच। वहीं, बीजेपी की चुप्पी और जेडीयू के बचाव ने गठबंधन के भीतर तनाव की अटकलें बढ़ा दी हैं।