loader
twitter/narendramodi

मोदी से मुलाक़ात के दौरान कमला हैरिस ने लोकतंत्र पर खतरे पर जताई चिंता

अमेरिका की उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात के दौरान लोकतांत्रिक मूल्यों पर हो रहे हमलों पर चिंता जताई है। दोनों नेताओं की यह मुलाक़ात गुरुवार की रात हुई थी।

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा की सालाना बैठक में भाग लेने के लिए अमेरिका गए हुए हैं। वे पहले विश्व नेताओं से मिलेंगे, कई बैठकें करेंगे और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाक़ात करेंगे।

देश से और खबरें

इसी क्रम में उन्होंने भारतीय समयानुसार गुरुवार की रात को कमला हैरिस से भेंट की। इस भेंट के दौरान अमेरिकी उप राष्ट्रपति ने कहा, "दुनिया का लोकतंत्र ख़तरे में है, यह ज़रूरी है कि हम अपने- अपने देश में लोकतांत्रिक सिद्धान्तों और संस्थाओं की रक्षा करें।" 

उन्होंने इसके आगे कहा, 

मैं अपने निजी अनुभवों और परिवार के अनुभवों के आधार पर यह जानती हूं कि भारत के लोग लोकतंत्र को लेकर कितने प्रतिबद्ध हैं।


कमला हैरिस, उप राष्ट्रपति, अमेरिका

उन्होने इसके आगे कहा, "मैं यह भी जानती हूं कि हमें इसके लिए क्या करना चाहिए कि हम अपने लोकतांत्रिक मूल्यों और संस्थाओं को बचाने की कल्पना करें और फिर उसे सही अर्थों में हासिल करें।" 

कमला हैरिस का यह बयान अहम इसलिए है कि इससे भारतीय प्रधानमंत्री और सत्तारूढ़ दल के प्रति अमेरिका के रुख में आए बदलाव का पता चलता है। 

पश्चिमी देशों में बीजेपी को हिन्दू राष्ट्रवादी दल के रूप में देखा जाता है और मोटे तौर पर यह समझा जाता है कि यह दल और इसकी सरकार अल्पसंख्यक मुसलमानों के साथ भेदभाव करती है और इसके लोग उन्हें निशाने पर लेते हैं।

यह डोनल्ड ट्रंप प्रशासन के रवैए से हट कर है। ट्रंप प्रशासन नरेंद्र मोदी और बीजेपी के नजदीक था, दोनों के कामकाज का तरीका एक था और ट्रंप को भी अमेरिकी राष्ट्रवाद को आगे लाने वाला और अमेरिका फर्स्ट का नारा देने वाला समझा जाता था।  

हालांकि अमेरिकी उप राष्ट्रपति ने किसी का नाम नहीं लिया, पर पर्यवेक्षकों का कहना है कि उनका इशारा बीजेपी और प्रधानमंत्री की ओर ही था। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें