नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल यानी एनसीएलएटी के चेन्नई बेंच के न्यायिक सदस्य जस्टिस शरद कुमार शर्मा ने एक मामले की सुनवाई से खुद को इसलिए अलग कर लिया है कि उनके एक फ़ैसले को कथित तौर पर प्रभावित करने की कोशिश की गई। उन्होंने खुलासा किया कि एक उच्च न्यायपालिका के अत्यंत सम्मानित सदस्य ने उनसे एक पक्षकार के पक्ष में फ़ैसला देने के लिए संपर्क किया था।
'ऊपरी अदालत के सदस्य ने एक पक्ष में फ़ैसले के लिए संपर्क साधा, केस से हट रहा हूँ'
- देश
- |
- 26 Aug, 2025
एनसीएलएटी के एक न्यायाधीश ने खुद को सुनवाई से अलग किया? उन्होंने उच्च न्यायपालिका के एक सदस्य ने उनसे पक्ष में फैसला देने के लिए संपर्क किया।

'ऊपरी अदालत के सम्मानित सदस्य ने एक पक्ष में फ़ैसले के लिए संपर्क, केस से हटता हूँ'
यह मामला एक अपील से जुड़ा है जो 2023 में दायर की गई थी और इसमें हैदराबाद की एक कंपनी के ख़िलाफ़ कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया यानी सीआईआरपी को मंजूर करने के आदेश को चुनौती दी गई थी। यह अपील एनसीएलएटी की चेन्नई बेंच में जस्टिस शरद कुमार शर्मा और तकनीकी सदस्य जतिंद्रनाथ स्वैन की दो सदस्यीय पीठ के सामने आई थी। लेकिन इस मामले में अब सुनवाई से ठीक पहले जस्टिस शर्मा ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया।