लगता है कि नेशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटीजंस (एनआरसी) बीजेपी के गले की फांस बन गया है। एक ओर तो वह लंबे समय से यह वादा करती रही है कि देश की सत्ता में आने पर देश में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों को देश से निकाल बाहर करेगी लेकिन अब इसकी चपेट में अपने ही समर्थकों के आने से उसके सामने बड़ी मुश्किल खड़ी हो गई है। एनआरसी में 40 लाख लोगों की नागरिकता छिनने का ख़तरा है और 31 अगस्त को इसकी फ़ाइनल रिपोर्ट प्रस्तुत की जानी है।