पेपर लीक और अन्य अनियमितताओं के आरोपों के कारण नीट-यूजी परीक्षा की विश्वसनीयता जांच के दायरे में आ गई है, जिससे व्यापक विरोध और राजनीतिक टकराव हुआ। मोदी सरकार ने लोकसभा और राज्यसभा में इस पर बहस ही नहीं होने दी। नेता विपक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा में और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने नीट के मामले को बार-बार उठाना चाहा लेकिन दोनों सदनों में अनुमति नहीं दी गई। एनटीए के दफ्तर में घुसकर छात्रों ने प्रदर्शन किया। देश के अन्य हिस्सों में भी प्रदर्शन हुए। नीट पेपर लीक के मामले भी पकड़े गए लेकिन सरकार ने परीक्षा रद्द करने का लचीला रुख अपनाने से मना कर दिया।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ 8 जुलाई को नीट से जुड़ी याचिकाओं की सुनवाई करने वाले हैं, जिसमें नीट परीक्षा फिर से कराने की मांग की गई है। एनटीए के कामकाज की भी जांच कराने की मांग की गई है। अभी तक सुप्रीम कोर्ट में वैकेशन बेंच इसकी सुनवाई कर रही थी।गुरुवार को, गुजरात स्थित 50 से अधिक सफल नीट-यूजी उम्मीदवारों ने केंद्र और एनटीए को विवादों से भरी परीक्षा रद्द करने से रोकने के लिए निर्देश देने की मांग करते हुए सुप्रीम अदालत का रुख किया।