नेपाल में चल रहे हिंसक प्रदर्शनों के कारण भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा-व्यवस्था को और सख्त कर दिया गया है। भारत के सीमा सुरक्षा बल, सशस्त्र सीमा बल यानी एसएसबी ने सीमा पर निगरानी बढ़ा दी है ताकि नेपाल में चल रही अशांति का असर भारतीय क्षेत्र में न हो। पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में पानीटंकी सीमा पर विशेष रूप से हाई अलर्ट जारी किया गया है। यह क़दम नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध और सरकारी भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ शुरू हुए प्रदर्शनों के बाद उठाया गया है, जिसके चलते नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। नेपाल के हालात को देखते हुए भारत सरकार ने अपने नागरिकों को यात्रा से बचने की सलाह जारी की है।

नेपाल में हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के फ़ैसले के ख़िलाफ़ युवाओं ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन शुरू किए। यह प्रतिबंध बाद में हटा लिया गया, लेकिन प्रदर्शनकारी भ्रष्टाचार के आरोपों में जवाबदेही की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए। सोमवार को काठमांडू और पोखरा, भैरहवा, इटहरी और चितवन जैसे अन्य शहरों में हिंसक झड़पें हुईं। पुलिस ने काठमांडू और इटहरी में कम से कम दो स्थानों पर गोलीबारी की, जिसमें 19 प्रदर्शनकारी मारे गए और 100 से अधिक घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को नेपाल की संसद को आग के हवाले कर दिया, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई। प्रदर्शनकारियों ने नेपाल सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और कार्यालयों के मुख्यालय सिंघा दरबार में घुसकर तोड़फोड़ की। 

भारत-नेपाल सीमा पर हाई अलर्ट

भारत और नेपाल के बीच 1751 किलोमीटर लंबी खुली सीमा है जो उत्तराखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और सिक्किम राज्यों से होकर गुजरती है। इस खुली सीमा के कारण दोनों देशों के नागरिक बिना किसी प्रतिबंध के आवागमन कर सकते हैं, जिससे सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक संबंध मज़बूत होते हैं। हालाँकि, नेपाल में अशांति के दौरान इस खुली सीमा पर सुरक्षा बढ़ाना ज़रूरी हो जाता है ताकि कोई अवांछित गतिविधि भारतीय क्षेत्र में न फैले।

पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में पानीटंकी सीमा पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। दार्जिलिंग के पुलिस अधीक्षक प्रवीण प्रकाश ने कहा है कि यहां एक पुलिस चौकी स्थापित की गई है और बलों की तैनाती की गई है। उन्होंने कहा है कि हम अलर्ट मोड में हैं, स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और हमें किसी के फंसे होने की कोई जानकारी नहीं है। सीमा पर ट्रकों की आवाजाही रुक गई है और व्यापार आंशिक रूप से प्रभावित हुआ है।
उत्तर प्रदेश और अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में भी इसी तरह के अलर्ट जारी किए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि सीमा पर पर्याप्त तैनाती की गई है और कई सीमा चौकियों पर सख्त जांच शुरू की गई है। स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय को भी बढ़ाया गया है ताकि लोगों की आवाजाही सुचारू रहे और सुरक्षा बनी रहे।

भारत-नेपाल सीमा पर पहले भी नेपाल में अशांति के दौरान अलर्ट जारी किए गए हैं। 2015 में मधेसी आंदोलन के दौरान भी सीमा पर सुरक्षा बढ़ाई गई थी, जिसने व्यापार और सीमा पार आवागमन को प्रभावित किया था।

मौजूदा स्थिति में भी भारत सरकार और एसएसबी यह सुनिश्चित करने में लगे हैं कि नेपाल की अशांति का असर भारतीय क्षेत्र में न पड़े।

भारतीय नागरिकों को सलाह 

भारत सरकार ने नेपाल में हो रही अशांति पर अपनी पहली आधिकारिक प्रतिक्रिया दी। इसने भारतीयों के लिए सलाह जारी की है। इसने सलाह में कहा है, 'नेपाल में बन रहे हालात को देखते हुए भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे स्थिति स्थिर होने तक वहाँ की यात्रा स्थगित कर दें। नेपाल में मौजूद भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने मौजूदा निवास स्थान पर ही रहें, सड़कों पर निकलने से बचें और पूरी सावधानी बरतें। उन्हें नेपाल के अधिकारियों और काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास द्वारा जारी स्थानीय सुरक्षा सलाह का पालन करने की भी सलाह दी जाती है। किसी भी सहायता की आवश्यकता होने पर काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास के हेल्पलाइन नंबरों पर कॉल करें।'

नेपाल में अशांति की वजह

नेपाल में प्रदर्शन शुरू होने का मुख्य कारण सरकार द्वारा दो दर्जन से अधिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाने का फ़ैसला था। इस प्रतिबंध के ख़िलाफ़ युवाओं ने प्रदर्शन शुरू किए, जो जल्द ही भ्रष्टाचार के खिलाफ व्यापक आंदोलन में बदल गए।
इन प्रदर्शनों के दौरान, प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन पर हमला किया और उसे आग के हवाले कर दिया। इसके अलावा, प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के निजी आवास और राष्ट्रपति भवन पर भी हमले की खबरें आईं। मंगलवार को ओली ने इस्तीफा दे दिया और अन्य मंत्रियों ने भी अपने पद छोड़ दिए।
नेपाल में चल रहे हिंसक प्रदर्शनों और राजनीतिक अस्थिरता ने भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त करने के लिए मजबूर किया है। पानीटंकी और अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में हाई अलर्ट, पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती और स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय से भारत यह सुनिश्चित कर रहा है कि स्थिति नियंत्रण में रहे।