चूंकि मामला इस कोर्ट के सामने विचाराधीन है, इसलिए हम यह निर्देश देना उचित समझते हैं कि हालांकि मुकदमे दायर किए जा सकते हैं, लेकिन इस अदालत के अगले आदेश तक कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया जाएगा और कार्यवाही नहीं की जाएगी। हम यह भी निर्देश देते हैं कि लंबित मुकदमों में, अदालतें सुनवाई की अगली तारीख तक सर्वे के आदेश सहित कोई प्रभावी अंतरिम आदेश या अंतिम आदेश पारित नहीं करेंगी।
लाइव लॉ के मुताबिक अदालत ने केंद्र सरकार को चार हफ्ते में याचिकाओं और प्रतिवादों पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। केंद्र का जवाब मिलने के बाद अन्य पक्षों को अपना जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का अतिरिक्त समय दिया जाएगा। यानी कुल मिलाकर दो महीने बाद इस मामले की सुनवाई फिर होगी।