कोरोना संकट के कारण किये गये संपूर्ण लॉकडाउन की सबसे ज़्यादा मार दिहाड़ी मजदूरों और छोटे काम-धंधों में लगे लोगों पर पड़ी है। अंग्रेजी अख़बार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, मुंबई, पुणे, पिंपरी-चिंचवाड़ और अन्य औद्योगिक इलाक़ों में लाखों दिहाड़ी मजदूर राशन की समस्या से जूझ रहे हैं। एक तो इन लोगों के पास काम नहीं है और दूसरा राशन कार्ड भी नहीं हैं। ऐसे में ये लोग सामाजिक संस्थाओं के द्वारा दिये गये भोजन पर ही निर्भर हैं। यही हाल देश के बाक़ी प्रदेशों में रह रहे दिहाड़ी मजदूरों का भी है। चाहे वह पंजाब हो या दक्षिण के राज्य।
कोरोना संकट: बिना राशन कार्ड के कैसे मिलेगा दिहाड़ी मजदूरों को अनाज?
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- 2 Apr, 2020
कोरोना संकट के कारण किये गये संपूर्ण लॉकडाउन की सबसे ज़्यादा मार दिहाड़ी मजदूरों और छोटे काम-धंधों में लगे लोगों पर पड़ी है।
