राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान और चीन की एकजुटता पिछली यूपीए सरकार की नीतियों का नतीजा है। जानिए, उन्होंने क्या तर्क दिया।
पाक-चीन एकजुट हैं क्योंकि पिछली यूपीए सरकार ने पीओके छोड़ दिया: एस जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान विपक्षी नेता राहुल गांधी के उस दावे का जवाब दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान और चीन एक गठजोड़ के रूप में काम कर रहे हैं। जयशंकर ने कहा कि ये दोनों देश एकजुट हैं क्योंकि पिछली कांग्रेस सरकार ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानी पीओके को छोड़ दिया था।
जयशंकर का यह बयान राहुल गांधी के उस बयान पर आया है जिसमें राहुल ने मंगलवार को संसद में दावा किया था कि पाकिस्तान और चीन एक गठजोड़ के रूप में काम कर रहे हैं और सरकार इस चुनौती का प्रभावी ढंग से सामना करने में नाकाम रही है। उन्होंने विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार की कथित निष्क्रियता पर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि इस सरकार की विदेश नीति की विफलता का ही नतीजा है कि युद्ध में पाकिस्तान को चीन ने पूरा साथ दिया और दोनों देश भारत के ख़िलाफ़ एकजुट होकर लड़े।
जयशंकर ने अपने भाषण में राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति पर सरकार के रुख को साफ़ करते हुए विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भारत की वर्तमान सरकार पीओके को लेकर साफ़ और दृढ़ नीति अपनाए हुए है। विपक्ष के हंगामे के बीच विदेश मंत्री ने अपनी बात रखी। यह चर्चा संसद में गर्मागर्म माहौल के बीच हुई, जहाँ विपक्ष ने सरकार पर कई मुद्दों को लेकर सवाल उठाए।
जयशंकर का जयराम रमेश पर हमला
विदेश मंत्री ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश पर तीखा हमला बोला। उन्होंने रमेश पर 'चीन गुरु' होने का तंज कसते हुए कहा कि उनकी टिप्पणियां भारत-चीन संबंधों को लेकर भ्रामक हैं। जयशंकर ने तंज कसते हुए कहा,
कुछ लोग खुद को 'चीन गुरु' समझते हैं, लेकिन उनकी समझ भारत की विदेश नीति और राष्ट्रीय हितों के खिलाफ भ्रामक बयानबाजी तक सीमित है।
जयशंकर ने कहा कि भारत-चीन संबंधों में हाल के वर्षों में कई उतार-चढ़ाव आए हैं, ख़ासकर 2020 के गलवान संघर्ष के बाद। हालाँकि, हाल के महीनों में दोनों देशों ने सीमा पर तनाव कम करने के लिए क़दम उठाए हैं, जिसमें अक्टूबर 2024 में एलएसी पर गश्ती व्यवस्था को लेकर सहमति शामिल है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत और चीन के बीच आपसी सहयोग क्षेत्रीय स्थिरता के लिए अहम है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि भारत अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करेगा।
ट्रंप के दावों का खंडन
जयशंकर ने कहा कि 22 अप्रैल से 17 जून तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच कोई फोन कॉल नहीं हुई। इस तरह उन्होंने ट्रंप के भारत-पाकिस्तान संघर्ष में मध्यस्थता के दावों को सिरे से खारिज कर दिया गया।
जयशंकर ने लोकसभा में साफ़ किया कि ऑपरेशन सिंदूर पूरी तरह से भारत की एकतरफ़ा कार्रवाई थी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बार-बार दावा किया कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान संघर्ष को रोकने में मध्यस्थता की और व्यापारिक दबाव का इस्तेमाल किया। जयशंकर ने इन दावों को सिरे से खारिज करते हुए कहा, '22 अप्रैल को ट्रंप ने पहलगाम हमले पर शोक जताने के लिए फोन किया था और इसके बाद 17 जून तक जब पीएम मोदी कनाडा में थे, कोई बातचीत नहीं हुई।' उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम सैन्य स्तर पर डायरेक्टर्स जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) के माध्यम से हुआ, न कि किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से।
जयशंकर ने कहा, 'भारत ने साफ़ कर दिया था कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते। हमने किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को कभी स्वीकार नहीं किया, और न ही व्यापार वार्ताओं का इस सैन्य कार्रवाई से कोई संबंध था।'
कांग्रेस का हमला
कांग्रेस ने इस मुद्दे पर सरकार पर तीखा हमला बोला। जयराम रमेश ने दावा किया कि ट्रंप ने लगातार भारत-पाकिस्तान संघर्ष को रोकने का दावा किया, लेकिन पीएम मोदी ने इस पर चुप्पी साध रखी है। उन्होंने इसे त्रिकोणीय झटका करार देते हुए कहा कि यह भारत की कूटनीतिक विफलता को दिखाता है। रमेश ने यह भी सवाल उठाया कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के साथ ट्रंप की मुलाकात पर भारत ने कोई कड़ा रुख क्यों नहीं अपनाया।
इसके जवाब में जयशंकर ने कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों पर आतंकवाद के खिलाफ निष्क्रियता का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'जब मुंबई में 26/11 का हमला हुआ, तब आपकी सरकार ने क्या किया? 26 साल तक आपने ऐसी निर्णायक कार्रवाई पर विचार तक नहीं किया।'
पाक-चीन सांठगांठ पर सवाल
जयराम रमेश ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन के पाकिस्तान को समर्थन देने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि चीन ने न केवल पाकिस्तान को खुफिया जानकारी दी, बल्कि अपने हथियार सिस्टम जैसे J-10C फाइटर जेट और PL-15E मिसाइलें भी दीं। जयशंकर ने इसका जवाब देते हुए कहा कि भारत ने वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थन को उजागर किया और TRF को वैश्विक आतंकी संगठन के रूप में नामित करवाया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत अपनी रणनीति के तहत चीन के साथ सतर्कता और सहयोग दोनों को संतुलित कर रहा है।