भारत ने मंगलवार देर रात पाकिस्तान के अंदर आतंकवादी ठिकानों पर हमला किया है। सेना ने इसको 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम दिया है। पहलगाम हमले के जवाब में भारतीय सेना की ओर से यह कार्रवाई की जा रही है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार सटीक हमलों ने कुल नौ स्थानों पर निशाना साधा। इनके बारे में माना जाता है कि वे भारत के ख़िलाफ़ हमलों की साज़िश रच रहे थे। भारतीय सेना ने रात 1:51 मिनट पर एक्स पर इस ऑपरेशन की जानकारी दी। इसने पहलगाम आतंकवादी हमले का ज़िक्र करते हुए लिखा, 'न्याय हुआ। जय हिंद!'

रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि ऑपरेशन सिंदूर को सावधानीपूर्वक अंजाम दिया गया। इसने कहा, 'हमारी कार्रवाई केंद्रित, संतुलित और मामले को तूल देने वाले नहीं हैं। किसी भी पाकिस्तानी सैन्य केंद्र को निशाना नहीं बनाया गया है।'

भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने से परहेज किया, ताकि इससे यह साफ़ हो कि भारत का उद्देश्य आतंकवाद के ख़िलाफ़ कार्रवाई करना है, न कि युद्ध को बढ़ावा देना। मंत्रालय ने कहा, 'हमारे कार्य संयमित और सटीक थे। भारत ने लक्ष्यों को चुनने और अंजाम में काफ़ी संयम बरता है।' 

भारतीय सेना ने कहा है कि पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर हमले के बाद पाकिस्तान ने फिर से युद्धविराम समझौते का उल्लंघन किया। सेना ने कहा है कि पाकिस्तान ने पुंछ-राजौरी क्षेत्र के भिंबर गली में तोपखाने से गोलीबारी की। इसने कहा है कि भारतीय सेना उचित और संतुलित तरीके से जवाब दे रही है।

देर रात को आतंकवादी ठिकानों पर कार्रवाई से कुछ देर पहले ही भारतीय सेना ने सैन्य तैयारी पूरी होने की जानकारी दी थी और सैन्य तैयारी का एक वीडियो पोस्ट किया था।

भारत की कार्रवाई को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी पुष्टि की है, लेकिन उन्होंने पांच ठिकानों पर हमले की बात ही कबूल की है। इसके साथ ही उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर कहा है कि 'पाकिस्तान को भी इस कार्रवाई का जवाब देने का अधिकार है।'

हमले पर ट्रंप क्या बोले?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को कहा कि यह घटनाक्रम अपेक्षित था। एएनआई के अनुसार उन्होंने कहा, 'हमने इसके बारे में अभी सुना, जब हम ओवल कार्यालय के दरवाजों से गुजर रहे थे। अभी इसके बारे में सुना। मुझे लगता है कि लोगों को अतीत के आधार पर पता था कि कुछ होने वाला है। वे लंबे समय से लड़ रहे हैं। वे कई, कई दशकों से लड़ रहे हैं। और वास्तव में, अगर आप सोचें, तो सदियों से। मुझे आशा है कि यह बहुत जल्दी खत्म हो जाएगा।'

भारतीय सेना की यह कार्रवाई 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में की गई। आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे।

पहलगाम आतंकी हमले को भारत ने पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और उसकी शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट से जोड़ा है। यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे घातक आतंकी घटना थी। जांच में पता चला कि हमले के मुख्य साजिशकर्ता हाशिम मूसा पहले पाकिस्तान की स्पेशल सर्विस ग्रुप का पैरा-कमांडो था और इसी ने लश्कर के साथ मिलकर इस हमले को अंजाम दिया।

पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ कई कड़े क़दम उठाए। इनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना, वाघा-अटारी सीमा को बंद करना, और पाकिस्तानी जहाजों और आयात पर प्रतिबंध लगाना शामिल है। 

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रिपोर्ट है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल और सशस्त्र बलों के प्रमुखों के साथ उच्च-स्तरीय बैठकों के बाद इस ऑपरेशन को हरी झंडी दी गई। मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया कि भारतीय वायु सेना ने इस ऑपरेशन में राफेल, मिराज 2000 और सुखोई-30 जैसे अत्याधुनिक विमानों का उपयोग किया।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सोमवार को पहलगाम हमले और भारत-पाकिस्तान तनाव पर बंद कमरे में चर्चा की। कई सदस्य देशों ने लश्कर-ए-तैयबा की संलिप्तता पर सवाल उठाए और पाकिस्तान के झूठ के दावों को खारिज किया। रूस, अमेरिका और जापान जैसे देशों ने भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की, जबकि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की।

भारत ने साफ़ किया है कि वह आतंकवाद के ख़िलाफ़ अपनी लड़ाई में कोई ढील नहीं बरतेगा।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, 'हमारी जिम्मेदारी है कि हम उन लोगों को करारा जवाब दें जो भारत पर बुरी नजर रखते हैं।' दूसरी ओर, भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील की है। 

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पहलगाम हमले के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है। जानकारों का मानना है कि भारत की यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत संदेश है, लेकिन दोनों परमाणु-संपन्न देशों को सैन्य टकराव से बचने के लिए सावधानी बरतनी होगी। 

ऑपरेशन सिंदूर भारत की आतंकवाद के प्रति जीरो-टॉलरेंस नीति को दिखाता है। यह कार्रवाई न केवल पहलगाम हमले का जवाब है, बल्कि सीमा पार आतंकवाद को खत्म करने की भारत की प्रतिबद्धता को भी दिखाती है। जैसे-जैसे घटनाक्रम आगे बढ़ रहा है, दुनिया की नजरें भारत और पाकिस्तान पर टिकी हैं।